क्या सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या केस वापस लिया? मुस्लिम पक्ष के वकील जिलानी ने कहा…

नई दिल्ली. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अयोध्या केस (Ayodhya Case) वापस लेने और विवादित जमीन पर कब्जा छोड़ने का हलफनामा मध्यस्थता पैनल को दिए जाने संबंधी रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट के बाहर मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि केस वापसी से जुड़ी कोई भी एप्लीकेशन कोर्ट में दी जाएगी. ऐसी कोई भी एप्लीकेशन नहीं दी गई है. दरअसल मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या केस (Ayodhya Case) वापस लेने का फैसला लिया है. बोर्ड के चेयरमैन ने मुकदमा वापस लेने का हलफनामा मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू को भेजा. इसके बाद मध्यस्थता पैनल ने सेटलमेंट दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है. इस तरह की खबरों के बीच जिलानी ने अपनी बात रखी.
40वें दिन की सुनवाई
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस (Ayodhya Case) की 40वें दिन की सुनवाई में आज रामलला विराजमान के सीएस वैद्यनाथन ने अपनी जिरह में कहा कि पैग़ंबर मोहम्मद ने कहा था कि किसी को मस्ज़िद उसी ज़मीन पर बनानी चाहिए जिसका वह मालिक है. सुन्नी वक्फ बोर्ड जगह पर मालिकाना हक साबित करने में नाकाम रहा और सिर्फ नमाज़ पढ़ने को आधार बना कर ज़मीन दिए जाने की मांग कर रहा है. अयोध्या मामले में पहले याचिकाकर्ता रहे स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि इमारत में मूर्ति रखने का केस अभिराम दास पर दर्ज हुआ. वही वहां पुजारी थे. वह निर्वाणी अखाड़ा के थे. सेवादार होने का निर्मोही अखाड़ा का दावा गलत है.
इससे पहले जब आज सुनवाई शुरू हुई तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्पष्ट किया कि किसी नए दस्तावेज पर विचार नहीं किया जाएगा. दरअसल हिंदू महासभा की हस्तक्षेप संबंधी एप्लीकेशन को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हर हाल में आज शाम 5 बजे तक इस मामले में सुनवाई खत्म हो जाएगी. बस बहुत हुआ…
परासरन ने कहा कि हिन्दुओं ने भारत के बाहर जाकर किसी को तहस-नहस नहीं किया बल्कि बाहर से लोगों ने भारत में आकर तबाही मचाई, हमारी प्रवृत्ति अतिथि देवो भव की है. परासरन ने कहा कि हिंदुओं की आस्था है कि वहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था, और मुस्लिम कह रहे है कि मस्जिद उनके लिए हैरिटेज प्लेस है.
परासरन ने कहा कि मुस्लिम दूसरी मस्जिद में नमाज पढ़ सकते हैं. अयोध्या में 50-60 मस्जिदें है, लेकिन हिंदुओं के लिए यह भगवान राम का जन्म स्थान है. हम भगवान राम के जन्म स्थान को नहीं बदल सकते. परासरन ने कहा कि हिन्दुओं ने भगवान राम के जन्म स्थान के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है. हमारी सदियों से आस्था है कि वह भगवान राम का जन्म स्थल है.
परासरन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को नष्ट करने के ऐतिहासिक गलत काम को रद्द करना चाहिए. परासरन ने कहा कि कोई शासक भारत में आकर ये नहीं कह सकता कि मैं सम्राट बाबर हूं और कानून मेरे नीचे है और जो मैं कहता हूं वो ही कानून है.