खेल खेल में गणित विज्ञान के अवधारणात्मक समझ बनाने का है उद्देश्य

सूरजपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के मंशानुरूप सूरजपुर जिले के शा कन्या उमावि प्रतापपुर (टी) में पदस्थ नवाचारी  व्याख्याता शशि पाठक ने प्राचार्य भरत नाग के संरक्षण और नेतृत्व में  स्थानीय उपलब्घ संसाधनों से पारंपरिक खिलौनों का निर्माण कर विद्यालयीन स्तर पर खिलौनों की ऑनलाइन प्रदर्शनी लगाई और उनमें छिपे विज्ञान के रहस्यों को भी बताया।
पत्रकरो से चर्चा के दौरान व्याख्याता ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्राथमिक शालाओं में बालवाटिका के रूप में एक अतिरिक्त आयु-वर्ग आगे जोड़े जाने के अनुशंसा है | इस नीति के आधार पर पूर्व प्राथमिक कक्षाएं स्कूली शिक्षा से जुड़ेंगी एवं प्राथमिक स्तर पर बालवाटिका में छोटे बच्चे शामिल होंगे | इस हेतु TOYCATHON 2021 आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित पहल है जिसे भारत सरकार ने 5  जनवरी 2021 को लॉन्च किया है. इसके तहत  नए खिलौने और गेम का कॉन्सेप्ट तैयार करना होगा जो गेम भारतीय सभ्यता, इतिहास, संस्कृति, पौराणिक कथाओं आदि पर आधारित हों ।
व्याख्याता ने बताया कि शासन की मंशानुरूप टॉय पेडागाजी पर कार्य करते हुए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर खिलौनों का निर्माण किया गया है जिसमे भारतीय सभ्यता ,पौराणिक कथाओं ,मानसिक व्यायाम ,आंखों और हाथों का संतुलन और विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित खिलौने हैं। उन्होनें ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में बच्चे खेल और खिलौनों से दूर होते जा रहे हैं जिनसे उनका सर्वांगीण विकास नहीं हो पा रहा है ।उक्त नीति से बच्चों का न केवल सर्वांगीण विकास हो सकेगा अपितु बच्चे आत्मनिर्भर बनेंगे और खिलौनों के द्वारा गणित विज्ञान की अवधारणात्मक समझ भी विकसित होगी। उक्त प्रदर्शनी में समस्त विद्यालयीन स्टाफ सहित छात्राएं उपस्थित रहीं।

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