April 3, 2020
गांजा–शराब की अवैध बिक्री रोक नहीं पा रही पुलिस और आबकारी विभाग, गांजा और अवैध शराब की खुलेआम हो रही बिक्री
बिलासपुर. आबकारी और पुलिस विभाग की लापरवाही के चलते नगर के चौक चौराहो में अवैध शराब और गांजे की बिक्री खुलेआम हो रही है। इसके बाद भी पुलिस और आबकारी अमला गांजे और अवैध शराब विक्रेताओं के विरूद्द चुप्पी साधे बैठा है। जिसकी नगरपालिका उपाध्यक्ष और नगर के एक महिला ने थाने में पहुंच कर शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई । जिसके चलते वार्ड के लोगों और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर बाहर से आकर गाजा और अवैध शराब की खरीदी करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ दी है । उन्होंने बैरिकेट लगा दिया है । जिसके चलते गांजा और अवैध शराब विक्रेता के घर लोग ना पहुंच सके। वहीं कोरोना वायरस को रोकने के लिए सुबह से ही लोग भीम चौक में खड़े हो गए । जहां पर गांजा और अवैध शराब खरीदी करने पहुंचे लोगों को दौड़ाया । तब वे गांजा की पुड़िया छोड़ भाग खड़े हुए । मगर रतनपुर पुलिस इस घटना के बाद भी नहीं पहुंची।बताया जाता है कि गांजा और शराब की अवैध बिक्री के मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से इन दिनों नगर के चौक चौराहो में खुलेआम अवैध शराब और गाजे की बिक्री होने लगी है। यहां सार्वजनिक स्थानों पर गाजा और शराब का सेवन करने वालों के विरूद्द भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाने से नागरिकों को अच्छी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते नगर का माहौल खराब हो रहा है तो वही दूसरी ओर युवा पीढ़ी नशे की लत की आदी होती जा रही है। और ऐसा भी नहीं है कि गांजा और शराब के अवैध कारोबार की जानकारी जिले के आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन को न हो।लेकिन अपनी सुस्ती व नाकामी का ही परिचय दे रहे है। वही यहां सरकारी शराब दुकान से ही सांठ गांठ कर कई लोग ऊंची कीमत वसूल कर अवैध शराब बेचने का काम किया जा रहा है। जबकि शराब दुकानों को कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों के बचाव के लिए बंद कर दिया गया है । लेकिन फिर भी नजर के को चाहिए पहले से जमा करके रखे हुए हैं वहीं कई को चाहिए तो गांव से भी महुआ शराब लाकर नगर में बिक्री कर रहे हैं । लेकिन ऐसे लोगों की पुलिस और आबकारी अमला को जानकारी होने के बाद भी इस दिशा में रोकथाम की कोई पहल नहीं की जा रही है।कचरे के ढेर में रखते हैं अवैध शराब जानकार सूत्रों का कहना है कि अवैध शराब और गांजा की बिक्री करने वालों ने कचरे के ढेर में शराब के पौव्वे और गांजे की पुड़िया छिपा कर रखे जा रहे हैं। उसके बाद अवैध शराब और गांजा की दूर बैठ कर रखवाली की जाती है। गांजा और शराब के खरीददारों को इन अवैध ठिकानों का भलीभांति पता होता है। लेकिन पुलिस और आबकारी अमला ऐसे ठिकानों को देख कर भी चुप्पी साध ले रहा है। जिसके चलते नगर में गांजे और अवैध शराब बिक्री का इस तरह जगह जगह खेल हो रहा है। अवैध शराब की बिक्री पर नहीं हो पा रहा है नियंत्रणएक तरफ जहां शासकीय शराब दुकानों को कोरोना वायरस फैलने की संक्रमण के चलते शासन ने बंद करा दिया है । वही कोचियो के द्वारा बंद के दौरान भी निर्धारित दर से कहीं ज्यादा दर पर शराब बेची जा रही है। इसके अतिरिक्त रतनपुर थाना क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री भी जोरों पर है। अवैध शराब का कारोबार इन दिनों नगर के वार्डो में जमकर चल रहा है। जिसका भरपूर फायदा इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोग उठा रहे हैं। जहां पर गली मोहलो में निर्धारित दर से अधिक दाम पर शराब बिक रही हैं। हालांकि इन सब पर कभी-कभी पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है, लेकिन यह कार्रवाई महज खानापूर्ति निभाते हुए नजर आ रही है।
कहां से आ रही अवैध शराब
जब शराब की बिक्री शासकीय दुकानों पर होनी है। तो फिर अवैध शराब आखिर कहां से आ रही है। इन दिनों जिस तरह नगर में इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए लोगों द्वारा शराब मुहैया कराई जा रही है। इसमें एक बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पूरे प्रदेश में लाक डाउन है। और शासकीय शराब दुकानें बंद है । लोगों को घरों से नहीं निकलने के लिए स्थानीय प्रशासन के द्वारा अपील किया जा रहा है । ऐसे में समाज के दुश्मन क्यों निकल रहे हैं ।राज्य शासन द्वारा शासकीय दुकानों पर शराब बेची जानी है, तो फिर अवैध शराब के कारोबारियों के पास शराब आखिर क्यों और कैसे पहुंच रही है। यह एक बड़ा सवाल है। वहीं इस मामले को लेकर पुलिस व आबकारी विभाग ने संज्ञान में नहीं लिया है। इससे पुलिस व आबकारी विभाग पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है।
जब शराब की बिक्री शासकीय दुकानों पर होनी है। तो फिर अवैध शराब आखिर कहां से आ रही है। इन दिनों जिस तरह नगर में इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए लोगों द्वारा शराब मुहैया कराई जा रही है। इसमें एक बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पूरे प्रदेश में लाक डाउन है। और शासकीय शराब दुकानें बंद है । लोगों को घरों से नहीं निकलने के लिए स्थानीय प्रशासन के द्वारा अपील किया जा रहा है । ऐसे में समाज के दुश्मन क्यों निकल रहे हैं ।राज्य शासन द्वारा शासकीय दुकानों पर शराब बेची जानी है, तो फिर अवैध शराब के कारोबारियों के पास शराब आखिर क्यों और कैसे पहुंच रही है। यह एक बड़ा सवाल है। वहीं इस मामले को लेकर पुलिस व आबकारी विभाग ने संज्ञान में नहीं लिया है। इससे पुलिस व आबकारी विभाग पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है।
धड़ल्ले से अवैध शराब बिक्री
राज्य शासन के निर्देश पर जिले के शासकीय शराब दुकानों में सुबह 11 से रात 10 बजे तक बिक्री करने का निर्देश दिया गया है, मगर जिले के शासकीय दुकानों में इसकी उपलब्धता सुबह पांच बजे से रात 12 बजे तक रहती है। वहीं कुुछ जगहों पर तो चौबीसों घंटे शराब मिलती है। लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए सभी जगहो की शराब दुकानों को बंद कर दिया गया है ।नगर के कई दुकान शराब बेचने के लिए ही खुलती हैं। नाम भले ही दुकान है लेकिन इन स्थानों पर खाने के नाम पर कुछ नही मिलेगा, लेकिन शराब पीने के लिए पूरी ब्यवस्था दी जा रही है। इन दुकानों में अंग्रेजी से लेकर देशी शराब दोगुने दाम पर बेची जा रही है। यही वजह है कि इन स्थानों पर दिन रात शराब की उपलब्धता रहती है। इसके अलावा अब गली मोहल्लों में भी शराब बिकने लगी है। इतनी मात्रा में शराब कैसे पहुंचती है यह जांच का विषय है। इस मामले को लेकर रतनपुर पुलिस का कहना है कि अवैध शराब बिक्री की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम को धर पकड़ के निर्देश दिए गए हैं।कोरोना वायरस से बचने के लिए बेरिकेट लगाया
महामाया पारा में खुलेआम गांजे और अवैध शराब की बिक्री को देखते हुए वार्ड के लोगों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा बैरिकेट्स लगा दिया गया है ताकि अन्य वार्डों से आकर लोग उनके मोहल्ले में गांजा और दारू खरीद ना पाएं । वहीं उन्होंने रतनपुर थाने में पहुंचकर इस मामले की लिखित शिकायत आज किया है । जबकि इसके पूर्व भी शशि प्रिया नामक महिला ने रतनपुर थाने में लिखित शिकायत दी थी । लेकिन उसकी शिकायत को तब रतनपुर पुलिस ने नहीं लिया था । उसे थाने से चलता कर दिया गया । इससे पता चलता है कि अवैध शराब कारोबारियों को रतनपुर पुलिस कि किस तरह से संरक्षण प्राप्त है ।
राज्य शासन के निर्देश पर जिले के शासकीय शराब दुकानों में सुबह 11 से रात 10 बजे तक बिक्री करने का निर्देश दिया गया है, मगर जिले के शासकीय दुकानों में इसकी उपलब्धता सुबह पांच बजे से रात 12 बजे तक रहती है। वहीं कुुछ जगहों पर तो चौबीसों घंटे शराब मिलती है। लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए सभी जगहो की शराब दुकानों को बंद कर दिया गया है ।नगर के कई दुकान शराब बेचने के लिए ही खुलती हैं। नाम भले ही दुकान है लेकिन इन स्थानों पर खाने के नाम पर कुछ नही मिलेगा, लेकिन शराब पीने के लिए पूरी ब्यवस्था दी जा रही है। इन दुकानों में अंग्रेजी से लेकर देशी शराब दोगुने दाम पर बेची जा रही है। यही वजह है कि इन स्थानों पर दिन रात शराब की उपलब्धता रहती है। इसके अलावा अब गली मोहल्लों में भी शराब बिकने लगी है। इतनी मात्रा में शराब कैसे पहुंचती है यह जांच का विषय है। इस मामले को लेकर रतनपुर पुलिस का कहना है कि अवैध शराब बिक्री की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम को धर पकड़ के निर्देश दिए गए हैं।कोरोना वायरस से बचने के लिए बेरिकेट लगाया
महामाया पारा में खुलेआम गांजे और अवैध शराब की बिक्री को देखते हुए वार्ड के लोगों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा बैरिकेट्स लगा दिया गया है ताकि अन्य वार्डों से आकर लोग उनके मोहल्ले में गांजा और दारू खरीद ना पाएं । वहीं उन्होंने रतनपुर थाने में पहुंचकर इस मामले की लिखित शिकायत आज किया है । जबकि इसके पूर्व भी शशि प्रिया नामक महिला ने रतनपुर थाने में लिखित शिकायत दी थी । लेकिन उसकी शिकायत को तब रतनपुर पुलिस ने नहीं लिया था । उसे थाने से चलता कर दिया गया । इससे पता चलता है कि अवैध शराब कारोबारियों को रतनपुर पुलिस कि किस तरह से संरक्षण प्राप्त है ।