गोपीचंद ने बताया, उनकी जगह लेने वाले के लिए बने सिस्टम, यह बताई वजह

मुंबई. भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) का मानना है कि अभी भारत में उनके अलावा भारत में कोई बड़ा कोच नहीं है लेकिन उनके अभी तक कोच बने रहने के यही वजह नहीं है. जबकि कई लोगों का मानना है कि उनका कोई विकल्प नहीं है और इसीलिए वह अभी तक कोच बने हुए हैं. गोपीचंद ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, “मैं इसलिए कोचिंग जारी रख रहा हूं और इसे लेकर जुनूनी हूं क्योंकि मेरे पास भी (कोच) नहीं था. मुझे कोई योजना भी दिखाई नहीं देती, यह काफी मुश्किल है.”

कोच की जरूरत
खिलाड़ियों को कोच की जरूरत के बारे में बात करते हुए गोपीचंद ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो अब यह मुझे बोझ और एक जिम्मेदारी जैसी लगने लगी है. हमने जो प्रदर्शन हासिल किया है, उसे देखते हुए और खिलाड़ियों को मेरी जरूरत है, इसलिए मैं इसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकता और यह अंदरूनी रूप से एक बोझ बन गया है.”

खिलाड़ियों पर दबाव के बारे में
गोपीचंद ने कहा कि वह कभी भी खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव डालने की इच्छा नहीं रखते जो पहले ही दबाव में होते हैं. उन्होंने कहा, “जब मैं खिलाड़ी के पीछे बैठता हूं तो मैं यही सोच कर बैठता हूं कि मेरे दबाव से खिलाड़ी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे पहले से ही दबाव की स्थिति में होते हैं.”

इसके लिए सिस्टम बने
कोच ने साथ ही कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, मैं चुपचाप लोगों से बात कर रहा था. पिछले कुछ महीनों में मैं मीडिया से कोच शिक्षा, कोचों को मजबूत बनाने और इसके लिए प्रणाली बनाने की जरूरत के बारे में थोड़ा ज्यादा बात कर रहा हूं. इसमें मेरा स्वार्थ है, मैं आराम करना चाहता हूं.”


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