गोबर से बनी लकड़ी से होगा अंतिम संस्कार,महापौर मद से पांच गो-काष्ठ मशीनों की हुई खरीदी


बिलासपुर. गो-काष्ठ (गोबर से बनी लकड़ी) से मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार होंगे। नगर निगम ने मोपका और सकरी मुक्तिधाम में गो-काष्ठ निर्माण के लिए मशीनें लगाकर निर्माण प्रारंभ किया है। संभाग में अपनी तरह का यह पहला प्लांट है। इससे जलाऊ लकड़ी की खपत कम होगी और पेड़ों व पर्यावरण का संरक्षण भी होगा।

श्मशान घाट में हर महीने हजारों क्विंटल लकड़ी अंतिम संस्कार में लगती है। जिससे हरे भरे पेड़ो की कटाई कर लकड़ी बेची जा रही है। इससे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ रहा इसे देखते हुए महापौर रामशरण यादव ने शहर के मुक्तिधामों में गो-काष्ठ (गोबर से बनी लकड़ी) से मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार क राने की योजना बनाते हुए मशीन खरीदी का प्रस्ताव बनाया था। जिसकी स्वीकृती के बाद महापौर मद से नगर निगम ने 90 हजार रुपए प्रति मशीन की दर से पांच मशीन की खरीदी की है।

इन मशीनों को शहर के दो मशीन मोपका और तीन मशीन सकरी मुक्तिधाम में लगाया जा रहा है। इनके लिए शहर के अंदर खुली डेयरियों और पशुपालको के यहां रोजाना निकलने वाले गोबर को शासकीय दर पर खरीदा जा रहा है। इन्ही से मुक्तिधाम में लगे इन मशीनों में गो-काष्ठ निर्माण किया जाएगा। अगले दो महीने में अंतिम संस्कार के लिए यहां भरपूर लकड़ी उपलब्ध होगी। सामान्य जलाऊ लकड़ी की कीमत करीब 700रुपए क्विंटल है, जबकि एक क्विंटल गो-काष्ठ करीब 400 रुपए में उपलब्ध होगी। भविष्य में होलिका दहन, होटलों व अलाव में भी गो-काष्ठ का उपयोग किया जाएगा।

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