चलित संविधान पाठशाला का आयोजन हसौद ब्लाक के ग्राम अमोदा में संपन्न हुआ

अमोदा (हसौद). आज का दिन हम भारतवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है क्योंकि आज ही के दिन यानि 22 अगस्त 2018 को देश के इतिहास में प्रथम बार छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर चांपा जिले के जैजैपुर विकासखंड के ग्राम – अमोदा (हसौद) भारतीय संविधान प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में चलित संविधान पाठशाला का आयोजन किया गया था और निरंतर जारी है ।यह एक स्वर्णिम इतिहास की रचना करता है। चलित संविधान पाठशाला का संचालनकर्ता सुनील भारद्वाज ने देशवासियों को देश के चलित संविधान पाठशाला के प्रथम वर्षगांठ की बधाई दी एवं संविधान के उद्देशिका का पढाया फिर मुख्य मार्गदर्शक एवं भारतीय संविधान प्रचारिणी सभा के संस्थापक अधिवक्ता धनीराम बंजारे जी ने संविधान अध्ययन कराते हुए निम्न बातों की ओर देशवासियों का ध्यान आकर्षित किया कि :- (a) भारत का प्रत्येक जनप्रतिनिधि ने संविधान पालन करने की शपथ ले रखी है,(b) देश के तमाम नौकरी पेशा वाले जो शासकीय निकायों में सेवा दे रहे हैं ने संविधान पालन करने की शपथ ली है और(c) जो इनसे इतर शेष वर्ग हैं उनको भी भारतीय संविधान के पालन करने की बाध्यता है (अनुच्छेद 51क के अनुसार). तो ऐसे में सवाल यह उठेगा ही कि
(1) क्या सभी शपथग्रहिताओं को अपने संविधान की पर्याप्त जानकारी है ?(2) यदि हां तो ठीक है वह पालन कर लेगा और यदि नहीं तो वह बिना जानकारी के पालन कैसे करेगा ? (3) क्या संविधान की पर्याप्त जानकारी रखे बगैर उसका ठीक ठीक पालन किया जा सकता है ?(4) चूंकि देश की जनता को संविधान की जानकारी देना सरकार का काम है तो क्या संविधान की पर्याप्त जानकारी देश के नागरिकों को दे दी गई ?(5) यदि नहीं तो ऐसे में बगैर पर्याप्त जानकारी के क्या इसका ठीक ठीक पालन होता होगा / करते होंगे ? मैं यह नहीं कहता कि आप इसका पालन करना नहीं चाहते, मुझे किसी की नियत पर कोई शक नहीं परंतु ये मेरी आशंका है कि बगैर जानकारी के पालन कैसे करते होंगे ?(6) और यदि ठीक ठीक पालन न हो तो इससे नुकसान किसे होगा ? अब तक सरकार की ओर से देश के नागरिकों को इसकी पर्याप्त जानकारी दे दी जानी चाहिए थी जो कि नहीं दी गई और नागरिकों को इसकी पर्याप्त जानकारी भी नहीं हो सकी यही कारण है कि भारतीय संविधान प्रचारिणी सभा जिसके द्वारा विभिन्न अवसरों पर चलित संविधान पाठशाला भारतीय संविधान मेला व संगोष्ठियों/सभाओं का आयोजन किया जाता है। आप सभी से आग्रह है कि आप लोग भी अपने अपने स्तर पर उपरोक्त कार्यक्रम आयोजित करें और अपने समस्याओं का समाधान पायें।
इस अविस्मरणीय अवसर पर :- पीताम्बर बंजारे,प्रदीप भारद्वाज,रामरतन लहरे,मनोहर लहरे,राजकुमार, अमन, राजन केशी, धरम निराला, कारण बंजारे, ज्ञानेश्वर, मिथुन ,किशन, राकेश, राजेश, घासिरम, समीर, अजय, पप्पू, किशन, अविनाश, भोजराम, मनीराम, महिला टीम – मीनाक्षी , ज्योति, जया, पुष्पा, दिलेश्वरी, लक्ष्मीबाई, पुरान बाई, पुनाई बाई, लीलावती, रामायण बाई, नांबाई, रामकुंवर, ननबइय्या एवं भासंप्रस के सदस्य व ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
भारतीय संविधान ज़िंदाबाद,