चार देशों के साथ साझा अभ्यास करेगी भारतीय सेना, रूस के साथ देश में पहली बार ट्राइ-सर्विस प्रैक्टिस

नई दिल्ली. दिसंबर महीने में भारतीय सेना (Indian Army) दक्षिण एशिया में नए कूटनीतिक समीकरणों को मैदान पर आजमाएगी. दिसंबर में भारतीय सेना रूस, चीन, श्रीलंका और नेपाल के साथ साझा अभ्यास कर रही है. इनमें से रूस के साथ होने वाला अभ्यास तीनों सेनाओं का मिलाजुला अभ्यास होगा जिसमें मैकेनाइज़्ड इंफेंट्री, फाइटर एयरक्राफ्ट और जंगी जहाज भी शामिल होंगे. इन सारे अभ्यासों से न केवल भारतीय सेना एशिया की बड़ी सैनिक ताकतों के साथ मिलकर काम करना सीखेगी बल्कि अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को भी नए सिरे से परखने का मौका मिलेगा.

श्रीलंका के साथ साझा अभ्यास मैत्री शक्ति एक से 14 दिसंबर तक पुणे में होगी जिसमें शहरी और ग्रामीण इलाकों में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के गुर सीखे जाएंगे. भारतीय सेना की 11 कुमाऊं रेजीमेंट इस अभ्यास में हिस्सा लेगी. श्रीलंका के साथ भारत के सदियों पुराने संबंध रहे हैं और श्रीलंका की सेना को भारत में पहले भी ट्रेनिंग दी जाती रही है. 3 से 16 दिसंबर तक नेपाल में भारत-नेपाल सूर्य किरण साझा अभ्यास करेंगे. 

भारत और रूस के सैनिक संबंध पुराने और काफी मजबूत हैं. यहां तक कि रूस से रक्षा सौदों के मामले में भारत ने अमेरिका के किसी प्रतिबंध को नहीं माना और साफ कर दिया कि सुरक्षा से जुड़ी नीतियां किसी के दबाव में बदली नहीं जाएंगी. भारत और रूस 2003 से साझा सैनिक अभ्यास इंद्रा कर रहे हैं. 2017 में दोनों देश तीनों सेनाओं का एक साझा अभ्यास करने पर सहमत हुए थे. इस साल ये अभ्यास भारत में 11 से 20 दिसंबर तक तीन अलग-अलग सैनिक ठिकानों पर किया जाएगा. बबीना में दोनों देशों की आर्मी, पुणे में एयरफोर्स और गोवा में नौसेना साझा अभ्यास करेगी.

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