चिटफंड सन साइन सिटी कंपनी ने ग्राहकों को लगाया करोड़ों का चूना, पुलिस को खबर नहीं


बिलासपुर. एक ओर जमीन दलाल सरकारी जमीनों में जमकर बंदरबांट कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर चिटफंड कंपनियां जमीन  मकान तथा कीमती साजो सामान का प्रलोभन दिखाकर लोगों को जमकर चूना लगाते रहे और स्थानीय सिविल लाइन पुलिस को खबर ही नहीं लगी। जिला प्रशासन के आला अधिकारी इन चिटफंड कंपनियों को बढ़ावा देने में शुरू से सूर्खियों में रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामना आया है। सन साइन सिटी नामक चिटफंड कंपनी ने मकान बनाकर देने के एवज में रकम की वसूली की। ग्राहकों को कंपनी में निवेश कराकर कंपनी अपना बिलासपुर स्थित कार्यालय में ताला जड़कर फरार हो गई हैं। ठगी के शिकार हुए लोगों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 9 जुलाई 2020 को ज्ञापन सौंपा है।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के जरहाभाठा इंदु चौक स्थित कश्यप काम्प्लेक्स में सन साइन सिटी चिटफंड कंपनी ने अपना कार्यालय खोलकर शहर व आसपास के लोगों को मकान बनाकर देने के एवज में चार लााख एक हजार रुपए जमा करा लिया। लोगों को झांसे में लेने के लिए कंपनी ने ग्राहकों को 40 माह में रकम वापस करने का दावा भी किया। चार लाख एक हजार रूपए को हर माह 10 हजार की दर से वापस मिलने व मुफ्त में मकान पाने के फेर में लोगों ने कंपनी में अपना पैसा लगा दिया। इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने रतनपुर क्षेत्र के ग्राम गतौरी के पास दक्ष ब्रोशर के नाम पर जमीन दिखाया गया। कर्मचारी वर्ग तथा शहर के छोटे व्यापारियों को कंपनी के लोग षडयंत्र के तहत झांसे में लेकर ग्राहक बनाते थे। लोगों को ठगने के लिए सन साइन सिटी कंपनी के संचालकों ने लखनऊ शहर में किए गए निर्माण कार्यों को इंटरनेट के माध्यम से दिखाया और यह भी बताया कि कंपनी का मुख्य मालिक दुबई के हैं। यह खेल कई वर्षों से चलता रहा और प्रदेश के पुलिस और खुफिया महकमा को हवा तक नहीं लगी। रमन सिंह सरकार बदलने के बाद कंपनी ने अपना बोरिया बिस्तर समेटना चालू कर दिया और फरवरी 2020 से इंदुचौक स्थित कंपनी के कार्यालय में ताला लगाकर ग्राहकों को सिर्फ फोन पर पैसा लौटाने का आश्वासन दे रहे हैं। अभी भी पैसे देने वाले लोगों को भरोसा है कि कंपनी द्वारा हमे मकान दिया जाएगा। कुछ लोगों को कंपनी द्वारा की गई ठगी का अहसास भी होने लगा है। बहरहाल सनसाइन सिटी कंपनी का शहर में कोई अता पता नहीं हैं। वहीं रतनपुर क्षेत्र के ग्राम गतौरी में दिखाये गए प्लाट में कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। ठगी का अहसास होने पर ग्राहकों ने जब पतासाजी की तो कंपनी की भूमि रेरा में न तो पंजीकृत है और उसका नक्शा नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय बिलासपुर से स्वीकृत था। इस पूरे धोखाधड़ी के खेल में प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत साफ नजर आ रही है।  किसी अपराधी को कफन से ढूंढ निकालने वाली पुलिस अपने पास पड़ोस में ठगी के वारदात को वर्षों तक अंजाम देने वाले ठगों स्वयं पनाह देती रही। मामले की शिकायत ठगी के शिकार हुए मोपका गुलाब नगर निवासी ब्रदी प्रसाद साहू व तीन अन्य लोगों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में  ज्ञापन सौंपकर की है।

80 से 100 लोगों से की गई ठगी

बताया जा रहा है कि सन साइन इंडिया कंपनी ने शहर व आसपास के  लगभग 80 से 100  लोगों से धोखाधड़ी की है। चार लाख रुपए के हिसाब से कंपनी ने रुपया लिया है। ठगे जाने के बाद लोग पतासाजी में लगे हुए हैं। इस कंपनी को शहर में चलाने का ठेका मास्टर माइंड आशुतोष तिवारी व सुभाष तिवारी हैं इन दोनों ने दलालों के माध्यम से जमीन के नाम पर झांसा देने के लिए राजेन्द्र शर्मा को अपने मकडज़ाल के बारे में बताया। ठगी करने के लिए राजेन्द्र शर्मा ने अपने आप को विनोबा नगर निवासी बताया और शिवमंगल अपार्टमेंट स्थित मकान में बुकिंग करते रहे।

ठगों के लिए बिलासपुर बना आसान

ठगी करने वाले गिरोह सबसे पहले स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को सेटिंग करते हैं इसके बाद सौदा तय होने पर ही दफ्तर खोलकर आसानी से चिटफंड का कारोबार करते हैं। स्थानीय पुलिस ठगी करने वाले लोगों को झांकने तक नहीं जाती। गिरोह के लोग आसानी से लोगों को लूटने के बाद अपना बोरिया-बिस्तर समेटकर फरार हो जाते हैं। प्रदेश में बिलासपुर ही एक शहर है जहां सौदाबाजी कर ठग गिरोह के लोग मालामाल होते चले आ रहे हैं।

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