चिटफण्ड कंपनी की ऐजेंट की जमानत याचिका निरस्त

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बड़वानी. न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जफर खान सेंधवा द्वारा अपने आदेश मे धारा 420, 406, 120बी, भादवि, 4/76/79 चिटफण्ड अधिनियम 1982 एवं 6 (1) म.प्र. निक्षेपको के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 केे तहत आरोपीया रंजनाबाई उर्फ रंजुला पति देवकिशन उर्फ देविंिसह निवासी धवली थाना वरला जिला बड़वानी की जमानत याचिका निरस्त। अभियोजन मीडिया प्रभारी कीर्ति चौहान ने बताया की घटना वर्ष 2011 से 2015 तक की हैं ग्राम धवली की रंजनाबाई उर्फ रंजुलाबाई चिटफण्ड कंपनी आर के आर एग्रो का कोआपरेटिव सोसायटी की ऐजेंट थी। आरोपी ने ग्राम धवली व कई आसपास के गांवों मेें आर के आर एग्रो सोसायटी के नाम से कई लोगों के खाते खुलवाये थे खाते खोलते समय आरोपी रंजुबाई द्वारा यह बताया गया था कि कंपनी छः वर्ष के पश्चात् अधिक ब्याज सहित रूपये वापस लौटा देगी इस प्रकार आरोपी द्वारा कई खाताधारकों को अधिक से अधिक ब्याज सहित रूपये दिलवाने व लालच देकर कई खाता धारकों से रूपये कलेक्शन करती थी एवं आरोपी द्वारा समस्त खाता धारकों व ग्राहको से बीमा करने के नाम पर राशि ली जाती थी और पालिसी की जाती थी लेकिन कंपनी द्वारा नियत समय से पूर्व ही खाता धारकों से षड्यंत्र पूर्वक धोखाधडी कर उनसे ली गई राशि का गबन कर आरोपिया रंजनाबाई भाग गई। पुलिस थाना वरला में कई खाता धारकों द्वारा आरोपी व चिटफण्ड के संचालक व कई ऐजेंटों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा आरोपी रंजुलाबाई व संचलाक एवं कई ऐंजेटों के विरू़द्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेेचना के दौरान पुलिस द्वारा आरोपिया रंजनाबाई को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के द्वारा आरोपिया को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। आरोपिया ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से माननीय न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन पेश किया जिस पर सहायक जिला अभियोजन अधिकारी राजमलसिंह अनारे एवं संजयपाल मोरे द्वारा जमानत आवेदन पर आपत्ति की। न्यायालय ने अभियोजन की दलील पर आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।

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