चीन और भारत के बीच बढ़े तनाव पर रूस ने कहा, त्रिपक्षीय सहयोग बाधित होने के संकेत नहीं


नई दिल्ली. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है. इसी बीच रूस ने बुधवार को कहा कि RIC (रूस-भारत-चीन) का अस्तित्व एक निर्विवाद हकीकत है और त्रिपक्षीय सहयोग बाधित होने के कोई संकेत नहीं हैं.

भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने चीन-भारत के तनाव को कम करने के मकसद से उठाए गए कदमों का स्वागत किया है. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि- ‘एलएसी पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत सहित उठाए गए सभी कदमों का हम स्वागत करते हैं.’

कुदाशेव ने ये भी कहा- ‘आरआईसी का अस्तित्व एक निर्विवाद हकीकत है, जो दृढ़ता से विश्व मानचित्र पर तय है. त्रिपक्षीय सहयोग के मौजूदा चरण के लिए ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि यह बाधित होगा.’

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 22 जून को आरआईसी सम्मेलन को लेकर अनिश्चितता के बीच उनका यह बयान आया है. इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के भाग लेने की संभावना है.

सूत्रों का कहना है कि ये बैठक रूस की पहल पर बुलाई गई थी, जिसमें कोरोना वायरस महामारी से निपटने और सामान्य सुरक्षा खतरों जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जानी है.

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में सोमवार रात एक कर्नल समेत भारतीय सेना के 20 जवान मारे गए थे. ये पांच दशकों में सबसे बड़ा सैन्य टकराव था जिसने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर दिया है.

इस झड़प में चीन की तरफ के कितने सैनक हताहत हुए ये अभी तक पता नहीं चला है. हालांकि, सरकारी सूत्रों ने एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि गंभीर रूप से घायल और मारे गए चीनी सैनिकों की कुल संख्या 35 हो सकती है.

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