चीन का क्रूर चेहरा: 6 माह से फंसे Indian Ship के सदस्यों को बदलने से किया इनकार


बीजिंग. चीन (China) का अमानवीय और क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया है. उसने अपने एक बंदरगाह के बाहर पिछले छह महीने से फंसे हुए भारतीय जहाज (Indian Ship) के परेशान कर्मियों को राहत देने से साफ इनकार कर दिया है. ड्रैगन ने कोरोना (Coronavirus) महामारी का बहाना बनाते हुए कहा है कि वो चालक दल के सदस्यों में बदलाव की इजाजत नहीं दे सकता. बता दें कि भारतीय जहाज ‘जग आनंद’ (Jag Anand) बड़ी मात्रा में ऑस्ट्रेलियाई कोयला लेकर चीन आ रहा था, जून में वह जिंगतांग बंदरगाह के पास फंस गया. जहाज पर चालक दल के कुल 23 भारतीय सदस्य मौजूद हैं.

Permission का इंतजार
चालक दल के सदस्य जून से ही राहत मिलने का इंतजार कर रहे हैं. जब जहाज के फंसे होने की जानकारी नेशनल यूनियन ऑफ सीफेयरर्स ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन और इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (ITF) को मिली तो चीन (China) से जहाज के कर्मियों को बदलने की अनुमति मांगी गई. बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने भी इस मसले पर चीन से संपर्क किया. बीजिंग से कहा गया कि जहाज पर फंसे कर्मियों को नियमानुसार बदलने की अनुमति दी जाए, लेकिन महीनों गुजरने के बाद भी चीनी सरकार ने अनुमति नहीं दी है.

बिगड़ रही है स्थिति
इस संबंध में जब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन से पूछा गया तो उन्होंने कोरोना का बहाना बनाते हुए कहा कि COVID महामारी से बचाव के उपाय के तहत कर्मियों को फिलहाल बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती. उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भारतीय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हैं. चीन का यह रुख तब है जब ITF चालक दल के सदस्यों की बिगड़ती दशा भी बयां कर चुका है. पिछले छह महीनों से फंसे होने के चलते जहाजकर्मी मानसिक तौर पर भी टूट चुके हैं.

पनामा का जहाज भी फंसा
पनामा का एक जहाज भी चीन में फंसा हुआ है, इस जहाज पर 16 भारतीय हैं. भारतीय दूतावास ने यह मुद्दा भी चीनी अधिकारियों के समक्ष रखा है, लेकिन उस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. यह जहाज काओफिडीयन बंदरगाह के नजदीक फंसा है. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच काफी समय से सीमा विवाद को लेकर गतिरोध चल रहा है. दोनों पक्षों में कई राउंड की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सार्थक समाधान नहीं निकल पाया है.

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!