चीन के हुक्म पर इमरान ने की भूटान के PM से बात, यह है प्लान


इस्लामाबाद/बीजिंग. नेपाल (Nepal) की तरह भूटान (Bhutan) को भारत के खिलाफ भड़काने में नाकाम रहे चीन (China) ने एक और चाल चली है. बीजिंग ने अब अपने ‘गुलाम’ पाकिस्तान (Pakistan) को इस काम पर लगाया है. पाकिस्तान चीन के मंसूबों को अंजाम देने के लिए भूटान के करीब आने की कोशिश कर रहा है, ताकि उसे भारत के खिलाफ खड़ा किया जा सके.

सवाल उठाना लाजमी
अपनी इसी साजिश के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने गुरुवार को भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग (Lotay Tshering) से फोन पर बातचीत की. यह पहली बार है जब पाक के किसी प्रधानमंत्री ने भूटान के किसी नेता से बात की है. ऐसे में पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठाना लाजमी है.

पाकिस्तान आने का दिया न्यौता
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग बढ़ाने और कोरोना वायरस सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान, इमरान खान ने कोरोना वायरस की रोकधाम के लिए भूटान द्वारा उठाये गए कदमों की तारीफ भी की. इतना ही नहीं, इमरान खान ने भूटान के प्रधानमंत्री को पाकिस्तान आने का न्यौता भी दिया है.

हुक्म का पालन
द्विपक्षीय बातचीत के दौरान खान ने भूटान के साथ पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंध के महत्व को रेखांकित किया. साथ ही दोनों देशों में नियमित द्विपक्षीय संबंध, लोगों के आदान-प्रदान और विकासशील देशों पर कोरोना की मार को लेकर भी चर्चा हुई. इमरान खान ने ऐसे वक्त भूटान के प्रधानमंत्री से बात की है, जब चीन भूटान को भारत के खिलाफ खड़ा करने में नाकाम रहा है. इससे यह साफ हो जाता है कि इमरान खान अपने ‘आका’ के हुक्म का पालन कर रहे हैं.

जानता है चीन की मंशा
चीन ने कभी सीमा विवाद का भय दिखाकर, तो कभी आर्थिक संबंधों का लालच देकर भूटान को भारत के विरुद्ध करने की कोशिश की है. हालांकि, वह अपनी इस कोशिश में हर बार नाकाम रहा है, क्योंकि भूटान के भारत के साथ मधुर संबंध हैं. भूटान के विकास में भारत का अहम योगदान है. भूटानी नेतृत्व चीन की मंशा और उसकी विस्तारवादी आदतों से अच्छे से वाकिफ है. उसे यह भी पता है कि जिस तरह से भारत उसके सुख-दुःख में साथ खड़े रहता है, वैसी अपेक्षा चीन से नहीं की जा सकती. इसलिए वह चीन के ऑफर को ठुकराकर नई दिल्ली के करीब बने रहना चाहता है.

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