चुनाव से पहले ट्रंप की बड़ी जीत, विरोध के बावजूद एमी बैरेट सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त


वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Election) से पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को एक बड़ी सफलता मिली है. एमी कोनी बैरेट (Amy Coney Barrett) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में शपथ ले ली है. ट्रंप ने ही बैरेट का नाम घोषित किया था, जिसे लेकर काफी बवाल भी हुआ था. विपक्ष के साथ ही अपनी पार्टी में भी ट्रंप को विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बावजूद ट्रंप बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करवाने में सफल रहे.

रात को ली शपथ
सोमवार रात को व्हाइट हाउस में एक समारोह में एमी कोनी बैरेट ने पद की शपथ ली. इस मौके पर डोनाल्ड ट्रंप ने बैरेट को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे पता है कि आप हम सभी को बहुत गौरवान्वित महसूस कराएंगी’. इससे पहले  अमेरिकी सीनेट ने बैरेट की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव को पारित किया.

काम नहीं आया विरोध
रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाले सीनेट में प्रस्ताव के पक्ष में 52 और विरोध में 48 वोट पड़े. विरोध में वोट करने वालों में एक नाम रिपब्लिकन लीडर सुसान कोलिन्स का भी रहा. वैसे, शुरुआत में कई दूसरे रिपब्लिकन नेताओं ने भी ट्रंप के प्रस्ताव का विरोध किया था, लेकिन ट्रंप अपने रुख पर कायम रहे. उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि एमी कोनी बैरेट ही सुप्रीम कोर्ट की नई जज नियुक्त की जाएंगी.

सीनेट का धन्यवाद
न्यायमूर्ति क्लेरेंस थॉमस ने बैरेट को शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण करने के बाद बैरेट ने कहा कि ‘देश की सेवा के लिए मुझे चुने जाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. आज मैं वास्तव में सम्मानित महसूस कर रही हूं. मेरी नियुक्ति पर अपनी सहमति देने के लिए मैं सीनेट को धन्यवाद कहना चाहती हूं. आपने मुझ पर जो विश्वास व्यक्त किया है, उसके लिए मैं आपकी आभारी हूं’. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश रूथ बी गिन्सबर्ग (Ruth Bader Ginsburg) के निधन के बाद से यह पद रिक्त था.

अपने भी थे नाराज
जब ट्रंप ने जज के तौर पर एमी कोनी बैरेट का नाम आगे बढ़ाया था, तब विपक्ष के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी के कई नेताओं ने इसका विरोध किया था. सुसान कोलिन्स के साथ ही पार्टी की अलास्का सीनेटर (Republican Party Senator from Alaska) लिसा मुर्कोव्स्की (Lisa Murkowski) ने साफ कर दिया था कि वो ट्रंप के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगी. लिसा मुर्कोव्स्की ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा था, ‘मैंने पहले भी कहा था कि चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश की नियुक्ति का मैं समर्थन नहीं करूंगी और अब भी मैं अपने स्टैंड पर कायम हूं. मैंने 2016 में भी इस तरह के कदम का विरोध किया था जब राष्ट्रपति पद के चुनाव से 8 महीने पहले एक रिक्त पद को भरने की कोशिश की गई थी.

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