छगन भुजबल के शिवसेना में जाने की बात को सुप्रिया सुले ने नकारा, बोलीं – वह पार्टी में बने रहेंगे

मुंबई. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि अन्य पार्टियों में एनसीपी के नेताओं की डिमांड बढ़ी है. इससे यह साबित होता है की एनसीपी अब भी जमीन से जुडी है और उसके नेताओं को भाजपा या फिर शिवसेना वाले अपनी ओर खींच रहे है. जिसके लिए साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुप्रिया सुले इन दिनों महाराष्ट्र के नासिक दौरे पर हैं. पार्टी के बड़े नेता छगन भुजबल के शिवसेना में जाने की खबर के बारे में उन्होंने भरोसा जताया की भुजबल अब भी पार्टी में बने हैं और बने रहेंगे.

सुप्रिया सुले ने कहा कि, “मैं देख रही हूं की रोज लोग मोबाईल चिप बदलने जैसे पार्टीयां बदल रहे हैं. सिर्फ पैकिंग बदलती है, माल तो वही रहता है. इन दिनों रोजाना राष्ट्रवादी कांग्रेस का माल ज्यादा बिक रहा है.” महाराष्ट्र सदन मामले में तीन साल तक जेल की हवा खाने वाले एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के पुर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के शिवसेना में फिर से जाने की खबर इन दिनों महाराष्ट्र में उड़ी है. पिछले दिनों से छगन भुजबल ने पार्टी के कार्यक्रम में आना बन्द कर दिया है. हालांकि उनका बिगड़ता स्वास्थ इसकी वजह बताई जा रही है, लेकिन कहा जा रहा है की भुजबल जल्द ही पार्टी छोड़कर शिवसेना में जाएंगे.

सुप्रिया सुले की नासिक दौरे में भुजबल परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ, लेकिन सुप्रिया का कहना है की भुजबल पार्टी में बने रहेंगे. उन्होने कहा कि “भुजबल जी का पार्टी से पुराना रिश्ता है. वह पार्टी छोड़कर नहीं जा सकते. मैंने खुद उनसे फोन पर बात करने का प्रयास किया था, लेकिन तबीयत ठीक ना होने की वजह से वह फोन पर बात नहीं कर पाए. मैं उनसे जल्द ही मिलूंगी.”

आपको बता दें कि पिछले दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से कई बड़े नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया. शिवेंद्रराजे भोंसले, वैभव पिचड और संदीप नाईक यह एनसीपी तीन विधायक बीजेपी में प्रवेश कर चुके हैं. वहीं एमएलए पाडुरंग वरोरो ने शिवसेना जॉइन की है और दिलीप सोपल भी शिवसेना में जा रहें हैं. रश्मी बागल और धनराज महाले जैसे बड़े नेता भी शिवसेना में जा चुके हैं. 

सचिन अहिर जो पार्टी के मुंबई अध्यक्ष थे वह शिवसेना में चले गए और इन दिनों आदित्य ठाकरे के साथ यात्रा पर हैं. सुप्रिया का कहना है कि “भाजपा में जाने वालों में कुछ ही लोग ऐसे हैं जो कि अपनी मर्जी से जा रहे हैं, लेकीन ज्यादातर लोगों को डर है कि उनके खिलाफ कानून का पेंच लगाया जाएगा. जिसके कारण वह पार्टी बदल रहें हैं.”


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