छत्तीसगढ़ किसान सशक्तिकरण अभियान की शुरुआत कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि महाविद्यालय बिलासपुर से हुई

बिलासपुर. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक अध्यात्मिक संस्था है जो सदैव विश्व कल्याण के लिए सेवारत है भारत एक कृषि प्रधान गांव का देश है गांव की उन्नति ही भारत की उन्नति है प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक सहयोगी संस्था है जिसके द्वारा कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के द्वारा किसान सशक्तिकरण अभियान का आयोजन किया गया तथा इस अभियान का बिलासपुर जिले में प्रारंभ सर्वप्रथम बिलासपुर जिले के कृषि महाविद्यालय एवं विज्ञान केंद्र से किया गया क्योंकि फसलों की बेहतर उत्पादन हेतु आज अनेक प्रकार की दवाइयों का प्रयोग किया जा रहा है तथा इन दवाइयों के प्रयोग एवं कृषि क्षेत्र में उन्नति हेतु हमारे कृषि विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों, शिक्षको तथा कृषि वैज्ञानिकों द्वारा भी सतत प्रयास किया जा रहा है उनकी इसी प्रयास को प्रोत्साहन तथा सहयोग देने हेतु प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बिलासपुर से भी भाई बहने पहुंची तथा उनकी इस कार्य में सहयोग प्रदान करने हेतु उन्हें कृषि क्षेत्र में अध्यात्मिकता के प्रयोग तथा जैविक खेती के साथ-साथ यौगिक खेती के बारे में बताया गया यौगिक खेती, नशा मुक्ति, ईश्वरीय ज्ञान की योजनाओं के साथ-साथ विभिन्न योजनाओ के जरिये किशानो को सशक्त बनाना ही किशान सशक्तिकरण अभियान का उद्देश्य है
किसान सशक्तिकरण अभियान में कृषि महाविद्यालय में मुख्य अतिथि भ्राता अजित विलियम्स जी (वैज्ञानिक), तथा कृषि विज्ञान केंद्र में डॉ. राजेंद्र चंद्राकर (वैज्ञानिक), डॉ. किरण गुप्ता (प्रोफेसर), डॉ. अमित शुक्ला (वैज्ञानिक) तथा कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी एवं किसानों सहित बी.के. कांता दीदी,बी.के. राखी दीदी, बी.के. सिरोमनि दीदी एवं हिमांचल से बी के हरनाम भाई, रिटायर्ड नायब तहसीलदार और सोनीपत से किसन भाई, एन आई एफ टी (रिटायर्ड लैब ईंचार्ज बैद्यनाथ) उपस्थित रहे तथा ब्रम्हाकुमार भाई बहनों द्वारा बताया गया कि हम पारंपरिक जैविक खेती करने का ज्ञान सबको देते हैं इसके साथ साथ यौगिक खेती भी किया जाए तो निश्चित रूप से हमारे किसान व्यसन मुक्त भी बनेंगे व सशक्त भी होंगे. बी.के.किशन जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “भगवान के बाद किसान का ही नाम आता है भगवान दाता है तो किसान अन्नदाता है”