छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट में हुआ करोड़ों का घोटाला

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डी०के० सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा करोड़ों रुपए के नकना नहर एवं डैम वियर मैनपाट का निर्माण किए बगैर पूरी राशि भुगतान का भ्रष्टाचार करने के संबंध में प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय रायपुर छत्तीसगढ़ के समक्ष दिनांक 24/10/2020 को एक शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें जनपद पंचायत मैनपाट के अंतर्गत नकना नहर एवं डेम तथा वियर निर्माण हेतु छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन कैपिटल कंपलेक्स नया रायपुर द्वारा दिनांक 19/10/2016 को मैनपाट की नकना व्यपवर्तन  योजना के निर्माण हेतु 1358.61 लाख (तेरह करोड़ अन्ठावन  लाख इकसठ हजार रुपए) की स्वीकृति प्रदान की गई थी।

उपरोक्त कार्य हेतु विभाग द्वारा मैसर्स कतराज इन्फ्राएस्ट्रक्चर कतराज भवन गुदरी बाजार के पास अंबिकापुर को दिनांक 18/8/2018 राशि 4,16,34,670 (चार करोड़ सोलह लाख चौतिस हजार छः सौ सत्तर) का वर्क आर्डर जारी किया गया तथा ठेकेदार के साथ विभाग द्वारा अनुबंध किया गया तथा उक्त कार्य को दिनांक 18/7/2019 तक पूर्ण करने का भी अनुबंध किया गया इसी प्रकार नकना व्यपवर्तन योजना के वियर का कार्य हेतु दिनांक 26/9/2018 को मैसेर्स एच०आर०एस०आर० इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी जयस्तंभ चौक अंबिकापुर वर्क आर्डर जारी किया गया था तथा जारी वर्क आर्डर 4,21,89,000/-(चार करोड़ एक्कीस लाख नवासी हजार रुपए) का था जिसका अनुबंध दिनांक 26/9/2018 को विभाग के साथ किया गया था एवं उक्त कार्य को भी दिनांक 26/8/2019 तक पूर्ण कर देना था।
ठेकेदार के द्वारा जल संसाधन अंबिकापुर के एसडीओ सी०एल०सिंह से मिलीभगत कर बिना कार्य किए कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर लिया गया तथा दिनांक 15/3/2019 तक पूरे कार्यों की राशि का भुगतान भी विभाग से मिलीभगत कर प्राप्त कर लिया गया। वर्तमान में भी उक्त कार्य पूर्ण नहीं हुआ है और आज भी मौका स्थल पर कार्य अधूरा है। उक्त कार्य से लगभग 270 हेक्टेयर खरीफ एवं 197 हेक्टेयर रबी एवं 81 हेक्टेयर ग्रीष्मकालीन कुल 548 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए प्रस्तावित किया गया था लेकिन विभाग अधिकारी तथा ठेकेदार की मिलीभगत से उक्त सिंचाई प्रभावित हुई हैऔर वर्तमान में इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है क्योंकि नकना नहर एवं डैम का कार्य कराए बिना ही उक्त कार्य की संपूर्ण राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार को कर दिया गया है, जो कि गलत है तथा भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है तथा भुगतान करने वाले अधिकारी सी०एल०सिंह चूंकि सेवानिवृत्त होने वाले थे इसलिए उक्त कार्य में जैसे तैसे कार्य कर पूरी राशि ठेकेदार को बिना कार्य कराए भुगतान कर दिया गया तथा ठेकेदार से मोटी रकम लेकर सेवानिवृत्त हो गए हैं, जिसके संबंध में डी०के० सोनी के द्वारा मुख्य अभियंता के समक्ष दिनांक 15/4/2019 को शिकायत किया गया था लेकिन मुख्य अभियंता को भी ठेकेदार एवं सी०एल०सिंह तथा संबंधित अधिकारियों के द्वारा प्रभावित कर लिया गया जिसके कारण शिकायत पर कोई भी जांच नहीं की गई और जांच को दबा कर रख दिया गया। उक्त नकना नहर एवं डैम के कार्य से संबंधित जो भी राशि भुगतान हुआ भुगतान हेतु बचा हुआ है तथा डिपॉजिट राशि जमा है उसे संबंधित ठेकेदार लेने के चक्कर में इसलिए उपरोक्त कार्य से संबंधित सभी राशि के भुगतान पर तत्काल रोक लगाने का आदेश संबंधित अधिकारी को दिया की मांग डी०के० सोनी के द्वारा की गई है। तथा उक्त कार्य से संबंधित सभी दस्तावेज एवं मौका स्थल की जांच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का आदेश दिए जाने का भी निवेदन किया गया है।
इसके अलावा सी०एल०सिंह जिनके अधीन उपरोक्त कार्य कराए गए तथा उपरोक्त कार्य की राशि का भुगतान हुआ है जिसमें मोटी कमीशन संबंधित अधिकारियों के द्वारा लिया गया है तथा बिना कार्य कराए पूरी राशि ठेकेदार को भुगतान कर दिए हैं चूंकि सी०एल०सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसलिए उनके सेवानिवृत्त के उपरांत होने वाले भुगतान पर भी इस जांच के लंबन काल तक रोक लगाए जाने की भी मांग की गई है तथा यह भी लेख किया गया है कि शिकायत प्रमाणित होती है तो उपरोक्त राशि की वसूली उनके भुगतान होने वाली राशि से की जा सके, नहीं तो श्री सी०एल०सिंह अपने सेवानिवृत्त की राशि को प्राप्त कर रफूचक्कर हो जाएंगे तथा डी०के० सोनी के द्वारा यह भी मांग किया गया है कि शिकायत की जांच उनके समक्ष की जाए जिससे  शिकायत की जांच के समय वह जांच अधिकारी की मदद कर सके। जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन अटल नया रायपुर की विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी द्वारा दिनांक 10/11/2020 को मुख्य अभियंता हंसदेव गंगा कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को आदेश जारी करते हुए शिकायत की विस्तृत जांच कर जांच प्रतिवेदन शासन को तत्काल अवगत कराने का आदेश दिया गया है।

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