जगन्नाथ यात्रा को दी गई अनुमति तो मोहर्रम जुलूस पर आपत्ति क्यों? SC ने दिया जवाब
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुहर्रम (Muharram) जुलूस निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर हम इसकी इजाजत देंगे तो देश में अराजकता फैलेगी और फिर एक समुदाय विशेष को कोरोना फैलाने के नाम पर निशाना बनाया जाएगा जोकि सुप्रीम कोर्ट नहीं चाहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ऐसा कोई आदेश नहीं देगा जिससे लोगों के स्वास्थ्य को किसी भी तरह का खतरा हो.
कोर्ट की इस टिप्पणी पर याचिकाकर्ता ने सवाल करते हुए कहा कि जब जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी तो कोर्ट ने उसे इजाजत दे दी थी. तो फिर मुहर्रम जुलूस को अनुमति क्यों नहीं दी जा रही. इस पर कोर्ट ने कहा कि जगन्नाथ यात्रा मामले में वो सिर्फ एक जगह की बात थी. हमने संभावित रिस्क का आकलन करके और सावधानी के साथ इसे निकालने की इजाजत दी थी. लेकिन पूरे देश में मुहर्रम का जुलूस निकालने को लेकर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता.
कल्बे जव्वाद की याचिका
हम बतौर कोर्ट सभी की जिंदगी को खतरे में डालने की नहीं सोच सकते. अगर आपने किसी स्थान विशेष की बात की होती, तो वहां के सम्भावित रिस्क के बारे में आकलन किया जा सकता था. कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता की ओर से केवल लखनऊ में जुलूस की इजाजत मांगी गई. हवाला दिया गया कि शिया समुदाय के काफी लोग वहां रहते हैं. जिसके बाद कोर्ट ने इसके लिए याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया. बता दें कि ये याचिका शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने दाखिल की थी.