जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून की मांग पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट हुआ ‘तैयार’


नई दिल्‍ली. जनसंख्या (Population) नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तैयार हो गया है. SC ने जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. वकील अश्‍विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि बम विस्फोट की तुलना में जनसंख्या विस्फोट अधिक खतरनाक है.

उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले बीते वर्ष सितंबर माह में दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया था. पीठ ने कहा था, “हम याचिका पर विचार का कोई कारण नहीं देख रहे. कानून बनाना संसद व राज्य विधानसभाओं का काम है.”

अदालत ने कहा था, “कानून के बनने के बाद अदालत का कार्य शुरू होता है. अगर इस तरह की याचिका को अनुमति दी जाती है तो हमें सरकार के विभिन्न विभागों के लिए कार्य करना होगा.” खंडपीठ ने आगे कहा कि अदालत का मुख्य कार्य कानून की व्याख्या करना है.

अदालत ने कहा था, “सरकारी नौकरियों, सहायता और सब्सिडी, मतदान का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार, संपत्ति का अधिकार आदि के लिए दो-बच्चे के मानदंड को निर्धारित करना संसद व राज्य विधानसभा का कार्य है.”

उपाध्याय ने अपनी याचिका में अदालत से आग्रह किया कि सरकार को निर्देश दे कि वह जनसंख्या विस्फोट के बारे में जागरूकता फैलाए और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों (ईडब्ल्यूएस) व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम व वैक्सीन प्रदान करे.

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