जब नेपाल के राजमहल में चली गोलियां, युवराज ने राजा समेत परिवार की हत्‍या की


नई दिल्ली. आज का दिन इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है. 19 साल पहले आज ही के दिन नेपाल में एक बड़ी घटना हुई थी, जिसने नेपाल ही नहीं पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना ने नेपाल के इतिहास का रुख भी  मोड़ दिया था. इस दिन नेपाल के राजमहल में सामूहिक हत्याकांड हुआ था. नेपाल के राजकुमार दीपेंद्र ने अपने पिता और नेपाल के राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह, मां  एश्वर्य सहित नौ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दीपेंद्र ने खुद को भी गोली मार ली थी.  तीन दिन बाद दीपेंद्र की भी मौत हो गई थी.

कहा जाता है कि वर्ष 2001 में नेपाल के राजकुमार दीपेंद्र ने इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया था क्योंकि वह अपनी पसंद से विवाह करना चाहते थे, लेकिन शाही परिवार इससे सहमत नहीं था. इस पर क्रोध में आकर दीपेंद्र ने राजमहल में अपने परिवार पर गोलियां बरसा दी थीं. इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड के बाद ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह नेपाल के नए राजा बने थे.

दीपेंद्र ने ली थी मिलिट्री की ट्रेनिंग
7 जून, 1971 को जन्मे दीपेंद्र की शुरुआती पढ़ाई काठमांडू में हुई थी. इसके बाद वह इंग्लैंड चले गए और वहां से  पढ़ाई की. इसके बाद नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी और मिलिट्री एकेडमी ज्वाइन किया. उन्होंने त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी और नेपाल की आर्मी से मिलिट्री की ट्रेनिंग भी ली थी. 1 जून  2001 को नेपाल के राजमहल में डिनर के दौरान दीपेंद्र नें गुस्से में आकर  राजा बीरेंद्र, महारानी  एश्वर्य, राजकुमार निरंजन, राजकुमारी श्रुति की हत्या की थी.

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