जब स्कैन कराने के लिए सचिन तेंदुलकर को पहनना पड़ा था बुर्का, जानें मजेदार किस्सा


नई दिल्ली. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sahin Tendulkar) को भी भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि समूचे क्रिकेट जगत में भगवान का दर्जा दिया जाता है. सचिन के करीब 24 साल लंबे करियर में दर्जनों घटनाएं ऐसी रही हैं, जो उनके प्रशंसकों को चौंकने के लिए मजबूर कर सकती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें एक बार अपने हाथ की चोट का स्कैन कराने के दौरान फैंस से बचने के लिए बुर्के का भी सहारा लेना पड़ा था. इस घटना का जिक्र खुद सचिन ने ही अपनी आत्मकथा सरीखी एक किताब में किया था, जिसमें मास्टर ब्लास्टर के हवाले से उनके जीवन की अहम घटनाक्रमों को संजोया गया है.

टेनिस एल्बो से उबरने के दौरान की है घटना
दरअसल यह पूरा मामला उस दौर का है जब सचिन अपने करियर में बाएं हाथ की कोहनी की चोट यानी टेनिस एल्बो से जूझ रहे थे. इसी दौरान सचिन की कोहनी की सर्जरी की गई थी, लेकिन उसके बाद जब वे ५ महीने रिहेबिलेशन से गुजरकर क्रिकेट के मैदान पर लौटे तो उन्हें बाएं हाथ की कोहनी के अलावा दाएं हाथ के कंधे में भी दर्द महसूस होने लगा था. इसी दौरान उनकी कोहनी का ऑपरेशन करने वाले दक्षिण अफ्रीकी सर्जन डॉ. एंड्रयू वॉलेस किसी काम से दिल्ली आए हुए थे.

वडोदरा से निजी जेट से दिल्ली पहुंचे थे सचिन
सचिन ने वॉलेस से मिलने की उस घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मैं तब वडोदरा में था। मुझे वॉलेस के दिल्ली पहुंचने की जानकारी मिली. समस्या ये थी कि मैं वॉलेस से मिलने के बारे में किसी को भी बताना नहीं चाहता था और किसी भी हवाई जहाज से दिल्ली पहुंचने पर यह जानकारी सार्वजनिक हो जानी थी. इस मौके पर मेरे एक दोस्त अमित भाटिया काम आए, जो जबरदस्त क्रिकेट फैन हैं. अमित के पास अपना निजी जेट विमान था, जिसमें वे मुझे लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. दिल्ली पहुंचने पर वॉलेस ने मेरे कंधे की जांच की और मुझे कुछ खास तरह के स्कैन कराने की सलाह दी.

स्कैन कराने के लिए बुर्का पहनकर पहुंचे अस्पताल
सचिन ने बताया कि जब मुझे स्कैन के लिए अस्पताल जाने की जरूरत पता चली तो फिर वही समस्या थी कि मेरे दिल्ली आने की बात फैंस और मीडिया से कैसे छिपाई जाए. इसका तरीका यह निकाला गया कि मैंने एक बुर्का मंगाया और उसे पहनकर मैं कार में सवार होकर अस्पताल पहुंचा. वहां डॉक्टरों को पहले ही सारी जानकारी दे दी गई थी. इसके चलते मेरे स्कैन कराने की बात पूरी तरह गोपनीय रही. स्कैन में मेरे कंधे की नर्व के पास एक गांठ हो जाने की जानकारी सामने आई, जिसे वॉलेस ने ऑपरेशन के जरिये निकलवा लेने की सलाह दी. हालांकि मैं यह ऑपरेशन कई महीने बाद करा सका.

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