जब Nargis ने बेच डाले थे अपने हाथों के कंगन, कपूर खानदान की मदद के लिए की थी हदें पार
नई दिल्ली. भारतीय सिनेमा में जितने रंग इस रुपहले पर्दे पर नजर आते हैं उतने ही रंग इस रुपहले पर्दे के पीछे भी छिपे हैं. पर्दे पर अपने को-स्टार से मोहब्बत कई फिल्मी कलाकारों को हुई लेकिन उसे निभाया कैसे जाता है यह सिखाया बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री नरगिस (Nargis)ने. जी हां, एक ऐसा दौर भी आया था जब उस दौर की इस टॉप एक्ट्रेस ने राज कपूर की मदद के लिए अपने हाथों के कंगन भी बेच दिए थे. आज नरगिस की 38वीं पुण्यतिथी के मौके पर जानते हैं इस महान अदाकारा की दिलदारी का यह किस्सा.
इस सिनेमा को नए दौर तक लाने का श्रेय कलाकारों के साथ ही उन स्टूडियोज को भी जाता है जिनमें सदी की बेहतरीन फिल्में बनीं. इन्हीं में से एक है हिंदी सिनेमा के शो मैन के नाम से जाने जाने वाले राज कपूर (Raj Kapoor) का बनाया हुआ आर. के. स्टूडियो (R. K. studio). हिंदी सिनेमा के इतिहास की कई कालजयी पिक्चरें यहां बनीं लेकिन एक समय ऐसा भी जब आर. के स्टूडियो के पास पैसों की कमी होने लगी. उस मुश्किल वक्त में राज कपूर की गर्लफ्रेंड और हिंदी सिनेमा की महान अभिनेत्री नरगिस ने उनका साथ दिया.
मधु जैन अपनी किताब ‘फर्स्ट फैमिली ऑफ इंडियन सिनेमा- द कपूर्स’ में लिखती हैं, ‘नरगिस ने अपना दिल, अपनी आत्मा और यहां तक कि अपना पैसा भी राज कपूर की फिल्मों में लगाना शुरू कर दिया. जब आर. के. स्टूडियो के पास पैसों की कमी हुई तो नरगिस ने अपने सोने के कंगन तक बेच डाले. उन्होंने आरके फिल्म्स के कम होते खजाने को भरने के लिए बाहरी प्रोड्यूसरों की फिल्मों जैसे अदालत, घर संसार और लाजवंती में काम किया.’
इसी किताब में यह भी बताया गया है कि बाद में राज कपूर ने नरगिस के बारे में यहां तक कहा था, ‘मेरी बीबी मेरे बच्चों की मां है, लेकिन मेरी फिल्मों का मां तो नरगिस ही हैं.’ राज कपूर और नर्गिस पहली बार फिल्म ‘आग’ में साथ आए थे, जो राज कपूर की बतौर प्रोड्यूसर और डायरेक्टर पहली फिल्म थी. इसी फिल्म के साथ आरके बैनर की बुनियाद भी रखी गई थी.
हालांकि राज कपूर शादीशुदा थे इसलिए नरगिस से उनका रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला. इसके बाद नरगिस को सुनील दत्त से प्रेम हुआ और दोनों ने शादी कर ली. दोनों के तीन बच्चे हुए संजय दत्त, प्रिया दत्त और नर्मता दत्त. नरगिस का निधन 3 मई 1981 में अग्नाशय कैंसर की वजह से हो गया था. इनके निधन से कुछ ही वर्षों पूर्व पुत्र संजय दत्त ने भारतीय सिनेमा में कदम रखा था. इनके निधन से ही तीन दिन बाद संजय दत्त की पहली फिल्म ‘रॉकी’ रिलीज हुई.