जांबाजों की शहादत के बीच महबूबा मुफ्ती ने फिर किया पाकिस्तान के लिए दर्द का इजहार


श्रीनगर. भारत की सेना जहां सीजफायर उल्लंघन पर पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही हैं. वहीं दूसरी ओर महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) भारत को अमन का पाठ पढ़ा रही है. वो भारत-पाकिस्तान से बातचीत बहाल करने को कह रही हैं.

आखिर पाकिस्तान से इतना प्रेम क्यों करती हैं महबूबा मुफ्ती 
सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर उस पाकिस्तान से भारत बात क्यों करे. जिसकी फितरत में ही धोखा है. सवाल ये भी कि आखिर महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान को आतंक का रास्ता छोडने की नसीहत क्यों नहीं देती है.

जांबाजों की शहादत से पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा
बता दें कि सरहद पर पाकिस्तान की कायराना करतूत पर पूरे देश में गुस्सा है. अपने जांबाजों को खोने का दर्द भी पूरे देश को है. पूरा देश चाहता है कि पाकिस्तान को उसकी हिमाकत की सजा मिले. जिस तरह पाकिस्तान की गोलाबारी का भारत के शूरवीरों ने जवाब दिया है, वो जारी रहे. लेकिन महबूबा मुफ्ती बातचीत की वकालत कर रही हैं.

महबूबा मुफ्ती ने भारत-पाक में बातचीत की वकालत की
पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के की गई गोलाबारी के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया और लिखा कि LoC के दोनों तरफ हुई मौतों से दुखी हूं. भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व अपनी राजनीतिक मजबूरियों से ऊपर उठकर बातचीत शुरू कर सकते हैं. वाजपेयी जी और मुशर्रफ साहब द्वारा लागू किए गए युद्ध विराम को फिर से शुरू करने के लिए ये अच्छा मौका है.

धोखेबाज पाकिस्तान पर कैसे यकीन करे भारत
सवाल ये है कि जिस पाकिस्तान की फितरत में ही धोखा है, उस पर भारत कबतक और कैसे यकीन करें. आखिर महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान को गोलीबारी बंद करने की नसीहत क्यों नहीं देती. वो जम्मू कश्मीर में अमन बहाली के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोड़ने की नसीहत देने की बजाय जम्मू कश्मीर को नौजवानों को क्यों भड़काती हैं.

क्या वाकई महबूबा का दिल हिंदुस्तान में बसता है?
ये पहला मौका नहीं है जब महबूबा मुफ्ती ने ऐसी बात कही हो. इसीलिए पूछने वाले तो पूछेंगे कि महबूबा मुफ्ती रहती तो हिंदुस्तान में हैं पर क्या उनका दिल भी हिंदुस्तान में बसता है.

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