जानें, आहार आरोग्यवर्धक औषधि कैसे बनता है


भोपाल. आयुर्वेद के अनुसार आहार स्वयं औषधि है | यह आरोग्यवर्धक, हानिरहित और मौसम के अनुसार होना चाहिए | जाड़े में गेहूं के साथ एक – चौथाई मात्रा में चना मिलाकर रोटी खानी चाहिए | आहार की मात्रा को लेकर आयुर्वेद में उल्लेख किया गया है कि हमें पेट का आधा हिस्सा अन्न से और एक – चौथाई हिस्सा पानी व तरल पदार्थो से भरना चाहिए |


शेष एक – चौथाई खाली रखना चाहिए | आकंठ खाने से अपचन की आशंका रहती है | देर रात खाने से बचना चाहिए | यदि सुविधाजनक हो तो सूर्यास्त के पहले या सोने के चार घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए | ख़ासतौर पर ठंड के दिनों में मैदे से बचना चाहिए, जो अन्य नुकसानों के अलावा कब्ज भी बढ़ाता है |


मास्क का उपयोग जरूर करें

कोशिश करें घर पर रहकर ही योग करने की आदत डालें| फेसबुक के माध्यम से प्रातः 5 बजे से 7 बजे तक निरंतर निःशुल्क योग प्रशिक्षण 24 मार्च से बिना कोई अवकाश के चल रहा है जुड़ने के लिए फेसबुक की लिंक पर लाइक करें| आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र लगातार कई वर्षो से स्वर्ण जयंती पार्क में एवं वर्तमान में 9 महीनों से ऑनलाइन फेसबुक के माध्यम से निशुल्क सुबह एवं शाम को योग के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहा है कोई अवकाश नहीं रखते हुए सभी धार्मिक सामाजिक राष्ट्रीय त्यौहार उत्साह पूर्वक मनाते है साधकों के जन्मदिन पर वृक्षारोपण के साथ लोगों को स्वच्छता सुरक्षा के प्रति भी जागरूक किया जाता है|

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!