जाह्नवी के डेब्यू के बाद श्रीदेवी करना चाहती थीं ये काम! मौत के 2 साल बाद खुला राज


नई दिल्ली. बॉलीवुड की दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की जिंदगी पर लिखी गई किताब ‘श्रीदेवी : द एटरनल स्क्रीन गॉडेस’ के लेखक सत्यार्थ नायक का कहना है कि इस दिग्गज अभिनेत्री को लेकर उनके मन में कई सारे सवाल थे, हालांकि अचानक से हुए उनके निधन ने उन्हें इस कदर झकझोर कर रख दिया कि उन्होंने इस किताब को न लिखने का मन बना लिया था.

क्या उनकी बायोग्राफी लिखने से पहले उन्होंने उनसे गहन बातचीत करनी चाही थी, जैसा कि उनका कहना था कि उनके पसंदीदा सुपरस्टार श्रीदेवी पर ऐसी कोई खास किताब नहीं है? नायक ने बताया, “यही मूल योजना थी. साल 2017 में पेंगुइन रैंडम हाउस की ओर से मंजूरी मिलने के बाद बोनी कपूर सर और श्रीदेवी जी से मेरी बात हुई थी. उन्होंने कहा था कि वह जाह्न्वी (बेटी) के डेब्यू के चलते थोड़ी व्यस्त हैं. उस दौरान जाह्न्वी ने ‘धड़क’ साइन की थी. श्रीदेवी जी ने कहा कि एक बार फिल्म के रिलीज हो जाने के बाद वह फ्री हो जाएंगी और तब इस किताब पर अपना वक्त देंगी.”

हालांकि ऐसा नहीं हुआ. 24 फरवरी, साल 2018 को श्रीदेवी का निधन हो गया. नायक ने कहा, “मैं बिखर गया, भावनात्मक रूप से टूट गया और खुद को बताया कि अब मैं यह नहीं कर सकता. मैं उनसे बात करना चाहता था. मैं उनके बारे में बहुत कुछ जानना चाहता था. मेरे दिमाग में कई सारे सवाल थे, जिनका कोई जवाब नहीं था.”

लेखक के मुताबिक, श्रीदेवी के पति और प्रकाशन कंपनी ने उन्हें इस सदमे से उबरने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद नायक ने इस किताब के लिए तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए करीब 70 कलाकारों से बात की.

श्रीदेवी के कई प्रशंसकों की तरह सत्यार्थ को भी ‘सोलहवां सावन’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘सदमा’, ‘चांदनी’, ‘नगीना’ और ‘हिम्मतवाला’ जैसी उनकी कई फिल्में पसंद हैं. उन्होंने कहा, “लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता था कि उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ जैसी किसी फिल्म पर क्यों काम किया. खैर, मैंने अपनी इस किताब के जरिए अपनी सबसे पसंदीदा अभिनेत्री को अपनी श्रद्धांजलि दी है.”

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!