जिले में 7582 भूखंडों का पंजीयन हुआ, शासन के आदेश से मिली राहत

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पांच डिसमिल से कम रकबे की जमीन की खरीदी-बिक्री से रोक हटाये जाने से छोटे-भूखंड धारकों को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद जिले में छोटे भूखंडों के पंजीयन में तेजी आई है। बिलासपुर जिले में जनवरी 2019 से जुलाई 2019 तक 7582 भूखंडों का पंजीयन किया गया है। इस पंजीयन से 46 करोड़ 55 लाख 29 हजार 574 रुपये के स्टाम्प शुल्क की बिक्री हुई है। इसके अतिरिक्त सात करोड़ 38 लाख 49 हजार 748 रुपये पंजीयन शुल्क प्राप्त हुआ है। ज्ञात हो कि छोटे भू-खण्डधारकों को रजिस्ट्री में आ रही दिक्कतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 5 डिसमिल से कम रकबे की जमीन की खरीद-बिक्री से रोक हटाई है। राज्य शासन द्वारा रजिस्ट्री के लिए खसरा नंबर के नक्शे में अंकन की अनिवार्यता स्थगित कर दी गई है। ले-आऊट के आधार पर किसी भूमि-स्वामी द्वारा किसी भू-खंड का विक्रय किया जाता है, तो ले-आऊट को पंजीयन का आवश्यक अंग मानते हुए बिना नक्शा बटांकन के पंजीयन होगा। वहीं ऐसे खसरा नंबरों का बिना विस्तृत सर्वेक्षण और गहन जांच के बिना नक्शे में अंकन संभव न होने के कारण यदि कोई भूमि-स्वामी किसी खसरा नंबर की पूरी जमीन को अंतरित करना चाहता है, तो पंजीयन के लिए उस खसरा नंबर के नक्शे में अंकन की अनिवार्यता स्थगित की गई है।

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