जो इश्क़ में यहाँ नाकामयाब मिलता है किताबों में उसी के इक गुलाब मिलता है : श्री कुमार

बिलासपुर. ऊर्दू काउन्सिल बिलासपुर ने कवि सम्मेलन शरदोत्सव कवितावली का सफल आयोजन किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अटल श्रीवास्तव महामंत्री छ ग कांग्रेस थे।विशिष्ठ अतिथि विश्वेश ठाकरे वरिष्ठ पत्रकार और रविंद्र सिंह पूर्व पार्षद थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात गीतकार डॉ अजय पाठक ने की। कवि सम्मेलन में भिलाई से आये किशोर तिवारी ने अपने गीत “मया बिना ज़िन्दगी सुना” से समां बांध दिया। दुर्ग से आये मयंक शर्मा ने अपनी कविता बहुत रोते हुए इक माँ को बेटी गर्भ से बोली
मुझे पैदा न कर मुझको बहुत डर लग रहा है माँ.से खूब तालियाँ बटोरीं।अनूपपुर से आये युवा शायर राज तिवारी ने” जो कफ़स में कैद है उनकी भलाई के लिए,
मैं दुआ में हूँ परिंदों की रिहाई के लिए।”जैसे कई शेर पढ़ महफ़िल लूटी।कवयित्री संतोषी श्रद्धा जाजंगीर ने पढ़ा “मंदिरों मस्जिदों के लिए खून दरिया सा बहने लगा,और सितम देखिये तो जरा आदमी ही खुदा हो गए।”
पेंड्रा से आये युवा कवि आशुतोष ने
“शहीदों के घरों में एक दिन भी रहके देखोगे
वतन से प्यार करने का तरीका सीख जाओगे “से ऊर्जान्वित किया।बिलासपुर के शायर सुमित शर्मा के शेर “है हौसला तो मुझसे करे रब्त बेजुबान,तलवार से भी तेज कलम बेंच रहा हूँ।”से वाहवाही लूटी।युवा गीतकार नितेश पाटकर ने गीत”तारों ने गाया तब शरदचंद्र की रात हुई”से तालियों बटोरीं।
शहर के युवा शायर श्रीकुमार पाण्डेय ने प्रभावशील सञ्चालन किया और “जो इश्क़ में यहाँ नाकामयाब मिलता है,किताबों में उसी के इक गुलाब मिलता है”जैसे अशआर से कवि सम्मेलन को ऊँचाई प्रदान की।
कार्यक्रम में द्वारिका प्रसाद अग्रवाल,केवल कृष्ण पाठक,राजेंद्र मौर्य,राघवेंद्र धर दीवान,डॉ सुधाकर बिबे,यशवंत गोहिल,अनु चक्रवर्ती,बालमुकुंद श्रीवास,महेश श्रीवास,रितेश नायडू,जयेन्द्र कौशिक,पूर्णिमा तिवारी,पूजा पाण्डेय,कमलेश पाठक,शाकिर अली,अतुल खरे,आकांक्षा द्विवेदी,गौरव साहू सहित शहर के कई प्रख्यात साहित्यकार समाजसेवी और कविताप्रेमी श्रोता मौजूद रहे ।