‘जो बोले सो निहाल’ से गूंज उठा बॉर्डर, LOC पर पाकिस्तान को डराने वाला युद्ध घोष


कुपवाड़ा. शनिवार को पाकिस्तान (Pakistan) को LoC से एक गूंज जरूर सुनाई दी होगी, वो गूंज थी ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ क्योंकि सिख रेजीमेंट के जवानों ने जब अपनी बटालियन का ये युद्ध घोष बोला तो उस दहाड़ को सुनकर आतंकिस्तान को भारत का पराक्रमी संदेश जरूर पहुंच गया होगा.

‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ ये एक सिख जयकारा है सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह ने ये जयकारा दिया गया था. इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति ये कहेगा कि ईश्वर ही अंतिम सत्य है, उस पर हमेशा ईश्वर का आशीर्वाद रहेगा.

‘वाहेगुरु जी की खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’ यानी खालसा भगवान के हैं और भगवान की जीत है, गुरु की जय हो! गुरु की जीत की जय हो!

‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ और ‘भारत माता की जय’ के उद्धघोष से LoC गूंज उठा. इस जय घोष से पाकिस्तान को संदेश ये था कि हिंदुस्तान की ताकत की आगे आतंकिस्तान की कभी नहीं चलेगी वो हर बार हारेगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पाकिस्तान की सीमा एलओसी पर कुपवाड़ा की एक फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंचे तो सैनिकों का जोश और बढ़ गया इस पोस्ट पर सिख रेजीमेंट की यूनिट तैनात थी.

रक्षा मंत्री के फॉरवर्ड पोस्ट से निकलने से पहले सिख रेजीमेंट के सैनिकों ने अपना युद्धघोष, ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ बोला तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जोश से भर गए.

रक्षा मंत्री ने वहां मौजूद सैनिकों से एक बार फिर से सत श्री अकाल का जयकारा लगाने के लिए कहा. इस बार ‘वाहे गुरू जी का खालसा, वाहे गुरू जी की फतह’ और ‘भारत माता की जय’ की ऐसी गर्जना हुई कि एलओसी के पार तक भारतीय सैनिकों की दहाड़ सुनाई देने लगी.

एलओसी की फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा करने के बाद रक्षा मंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए. लेकिन जाने से पहले उन्होनें सैनिकों की कर्तव्यनिष्ठा और निगहबानी के साथ-साथ घाटी में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए वहां तैनात सुरक्षाबलों की तारीफ की.

इस मौके पर भारतीय सेना का संवेदनशील चरित्र और सम्मान देने की परंपरा भी दिखाई दी. जवानों के साथ फोटो खिंचवाने के दौरान रक्षा मंत्री के ठीक बराबर में दोनों तरफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत और और सेना प्रमुख नरवणे नहीं बल्कि सिख रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर और सूबेदार मेजर बैठे थे.

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