टी. श्रीनिवास राव प्रेमचंद पुरस्कार से हुए सम्मानित

बिलासपुर. रेल मंत्रालय अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रति वर्ष हिन्दी में मौलिक कहानी, उपन्यास,नाटक एवं अन्य गद्य साहित्य लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए प्रेमचंद पुरस्कार और मौलिक काव्य-गजल संग्रह के लिए मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार प्रदान करता है। प्रत्येक ग्रुप में तीन-तीन पुरस्कार दिए जाते हैं। इस योजना के अंतर्गत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य इंजीनियर कार्यालय में पदस्थ टी. श्रीनिवास राव, कार्यालय अधीक्षक को उनके कथा साहित्य में उत्कृष्ट योगदान स्वरूप में उनकी बहुप्रतीक्षत एवं बहुप्रशंसनीय पुस्तक “कन्याभोज“ के लिये वर्ष 2018 का द्वितीय (प्रेमचंद) पुरस्कार दिया गया है। श्री राव को पुरस्कार स्वरूप 10000 रुपए की राशि और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। रेल मंत्रालय के द्वारा कोरोना को ध्यान में रखते हुये सभी पुरस्कार लेने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार की राशि उनके बैंक खाते एवं प्रशस्ति पत्र डाक के द्वारा भेजा गया है।  राव के चौदह कहानियों की इस संग्रह में प्रत्येक कहानी बेहद मर्मस्पर्शी, समाजपयोगी एवं गुदगुदाने वाली है। ज्ञातव्य हो कि टी. श्रीनिवास राव को उनकी प्रथम कहानी संग्रह “सूरजमुखी “के लिये वर्ष 2013 में भी प्रेमचंद पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। टी. श्रीनिवास राव, विशेष तौर विशिष्ट क्षणिकाओं के माध्यम से व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में प्रसि़द्ध है तथा विभिन्न मंचों एवं आकाशवाणी में भी उनकी रचनाओं का प्रसारण हो चुका है।

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