ट्री-गार्ड निर्माण से महिलाओं के लिए खुला आर्थिक उन्नति का रास्ता

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. मतिया अपने घर के आंगन में बांस को छोट-छोटे टूकड़ों में काटकर अपने पति को दे रही है, जो बांस द्वारा सीढ़ी नुमा संरचना का कोई सामान तैयार कर रहें हैं। पूछने पर मतिया ने बताया कि बांस से ट्री-गार्ड का निर्माण कर रहें हैं, जिसका उपयोग पौधों के बचाव के लिए किया जाता है। नारी शक्ति समूह की सदस्य मतिया एवं निर्मला ने कहा कि लाॅकडाउन की अवधि में जब हमारे में पास आजीविका का कोई साधन उपलब्ध नहीं था, तब प्रशासन ने ट्री-गार्ड निर्माण के माध्यम से हमें रोजगार उपलब्ध करवाया। महिला समूह के सदस्य अपने परिवार के साथ ट्री-गार्ड के निर्माण कार्य में संलग्न हैं। विकासखण्ड राजपुर के ग्राम बदौली में एनआरएलएम की स्व सहायता समूहों की महिलाएं ट्री-गार्ड निर्माण के कार्य से जुड़ी हैं। लाॅकडाउन की अवधि में जहां एक ओर रोजगार तथा आजीविका की समस्याएं उत्पन्न हो रही थी, वहीं एनआरएलएम की महिला समूहों के लिए ट्री-गार्ड निर्माण का कार्य रोजगार के साथ-साथ जीवन-यापन के लिए आय का प्रमुख स्त्रोत बन गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  हरीष एस. बताते हैं कि वन विभाग द्वारा वर्षा ऋतु में वृहद पैमाने में वृक्षारोपण का कार्य किया जाता है तथा पौधों के सुरक्षा हेतु उन्हें ट्री-गार्ड की आवश्यकता होती है। जिला प्रशासन तथा वन विभाग ने समन्वयन स्थापित कर ट्री-गार्ड की आपूर्ति के लिए महिला समूहों को इससे जोड़ने का फैसला लिया है। वर्तमान में विकासखण्ड राजपुर के 10 महिला स्व सहायता समूह ट्री-गार्ड निर्माण का कार्य कर रहीं हैं। महिलाएं अब तक 3 हजार ट्री-गार्ड निर्मित कर चुकी हैं, जिनमें से 900 ट्री-गार्ड की आपूर्ति वन विभाग को की गई है तथा शेष ट्री-गार्ड की आपूर्ति भी जल्द की जाएगी। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अवसर की जरूरत होती है, उनमें क्षमताओं की कमी नहीं है। प्रशासन ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास किया है तथा आगे भी प्रतिबद्धता के साथ समानता के हर अवसर उपलब्ध करवाएगी। महिलाओं की ट्री-गार्ड निर्माण के कार्य में रूचि स्वतः स्फूर्त है, हमने केवल उन्हें दिशा दी है। महाजन मुक्ति समूह की कमलो कौशिक ने बताया कि वन विभाग की आवश्यकताओं को देखते हुए हमने 10 हजार ट्री-गार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है। एक ट्री-गार्ड का विक्रय मूल्य 435 रूपये निर्धारित किया गया है। लागत और परिश्रम को देखते हुए ट्री-गार्ड का उचित मूल्य हमें प्राप्त होगा। कोविड-19 के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के दौरान कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, वन विभाग के अधिकरी, एनआरएलएम की टीम ने हमें यह अवसर प्रदान करते हुए रोजगार उपलब्ध करवाया है। समूह की महिलाओं ने प्रशासन की इस पहल के लिए उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया है। प्रशासन एनआरएलएम के माध्यम से महिला समूहों को लगातार रोजगार मूलक कार्यों से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का प्रयास कर रही है।

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