डॉ. संजय अलंग की कविताओं में एक रचनात्मक पृष्ठ तनाव है : रामकुमार तिवारी

बिलासपुर. कविता चौपाटी से’ एवं उर्दू कॉउंसिल बिलासपुर’ के तत्वाधान में आयोजित बिलासपुर कलेक्टर डॉ संजय अलंग का एकल काव्य पाठ प्रार्थना भवन नेहरू चौक में रखा गया था।अपने कलेक्टर की कविताओं को सुनने शहर के लोग भारी संख्या में पहुंचे।डॉ संजय अलंग ने अपनी कुछ पुरानी गंभीर कविताओं से शुरुआत की फिर उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति,मानवतावादी और सौर्यभौंमिक सत्यता पर केंद्रित कविताओं का पाठ किया।उन्होंने बांस,इतिहास,कुई का विद्रोह,सलवा जुडूम,रेड़ नदी के तीर पर बैठा कलाकार,गुलेल आदि कविताओं से खूब वाहवाही और तालियाँ बटोरीं।डॉ अलंग अपनी समकालीन कविता,अकविता से देश में विख्यात हैं।साहित्य जगत में  उनका दृष्टिकोण उनकी कविताओं का केंद्र है से वे जाने जाते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ख्यातिनाम कथाकार कवि रामकुमार तिवारी ने कहा कि उनकी कविताएं भाषा का मानवीकरण करतीं हैं।उनकी कविताओं में एक रचनात्मक पृष्ठ तनाव है।उन्होंने उनके कविताओं के विभन्न आयामों पर की जिसमे संवेदना,काव्यदृष्टि,चराचर चेतना और विकास का द्वन्द मुख्य हैं। मुख्य अतिथि प्रमुख लोकायुक्त जस्टिस टीपी शर्मा ने डॉ अलंग की कविताओं को सत्य विचारों का प्रगटीकरण कहा।जिसमे चिंता,बचपन की यादें,कलाकार की पीड़ा और एक अलग दृष्टिकोण है।उन्होंने आयोजन समिति को बधाई दी और ऐसे कार्यक्रमों से शहर के बौद्धिक खुराक मिलते रहने की बात कही।कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि समीक्षक साहित्यकार शाकिर अली जी ने डॉ अलंग की कविताओं  उनकी व्यक्तित्व और महीन वैचारिक दृष्टिकोण को विस्तृत ढंग से समझाया। अंत में डॉ अलंग से दर्शकों ने प्रश्न पुछे जिसका उन्होंने बड़ी सहजता से उत्तर दिया।शौकत अली ने पुझा कि आईएस का दायित्व और कवि का कर्तव्य कैसे निभाते हैं?उन्होंने सहजता से उत्तर दिया कि मानवीय दायित्व निभाना अपना धर्म समझता हूँ।धनेश्वरी सोनी ने पुछा क्या आप अपनी पत्नी के लिए कविताएं लिखते हैं जिसपर उन्होंने कहा नहीं मैं केवल विचार कविताओं का कवि हूँ। सभी अतिथियों ने आयोजन समिति के प्रमुख सुमित शर्मा,श्री कुमार को उनके साहस पर बधाई दी और ऐसे बौद्धिक कार्यक्रमों की निरंतरता के लिए हर संभव प्रयास का वादा किया।कार्यक्रम का सधा हुआ प्रभावी सञ्चालन विवेक जोगलेकर जी ने किया। कार्यक्रम में रायपुर से अंकिता झा,शुभ्रा सिंह आदि ने शिरकत की।प्रदेश के अन्य शहरों से लोग पहुँचे। कार्यक्रम में शहर के प्रख्यात साहित्यकार द्वारिका प्रसाद अग्रवाल,आचार्य शील,बुधराम यादव,डॉ सुधाकर बिबे,रश्मि रामेश्वर गुप्ता,प्रियंका शुक्ल,अनु चक्रवर्ती,पूर्णिमा तिवारी,एम् डी मानिकपुरी,अश्वनी पाण्डेय,रामकुमार पाण्डेय,दिग्विजय पाठक,ज्योति दुबे,पूजा पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए।

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