ताइवान ने ‘ऑलिव ब्रांच’ खोला ताकि चीन से हो बातचीत, जानें-क्या है इसका मतलब
नई दिल्ली. चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. इसके बावजूद ताइवान की राष्ट्रपति त्सई इंग-वेन (Taiwan’s President Tsai Ing-wen) ने चीन से बातचीत की पहल की है. ताइवान नेशनल डे के मौके पर उन्होंने कहा कि चीन के साथ ‘मीनिंग फुल डायलॉग’ जरूरी है. इसके लिए उन्होंने ‘ऑलिव ब्रांच’ बढ़ाने की घोषणा की, ताकि बीजिंग (Beijing) के साथ बराबरी की स्थिति में आकर बातचीत की जा सके.
ताइवान को हड़पे नहीं, हमसे बातचीत करे चीन: राष्ट्रपति
ताइवान नेशनल डे 2020 (Taiwan National Day 20202) के जश्न के मौके पर त्सई इंग-वेन (Tsai Ing-wen) ने कहा कि ताइवान की खाड़ी में माहौल पहले की तरह ही तनावपूर्ण है. चीन ताइवान को हड़पना चाहता है, जो होने से रहा. ऐसे में उसके साथ बातचीत समय की जरूरत भी है. उन्होंने कहा कि अगर बीजिंग ताइवान के लोगों की अवाज सुने और उन्हें दबाने की कोशिश न करे, साथ ही शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करे तो दोनों ही पक्षों के विवाद हल हो सकते हैं.
चीन कई देशों के लिए मुसीबत
ताइवान की राष्ट्रपति स्तई इंग-वेन ने कहा कि पिछले कुछ समय से लोकतंत्र पर चीन कड़े पहरे लगा रहा है. इस समय भी दक्षिणी चीन सागर (South China Sea) से लेकर भारत-चीन तनाव (Indo-China Standoff) और हांगकांग (Hongkong) में चीनी ज्यादतियों (Chinese Crackdown) को पूरी दुनिया देख रही है.
चीन ने ताइवान पर दबाव बढ़ाया
ताइवान लोकतांत्रिक देश है. ताइवान को ही असल चीन 1970 के दशक तक माना जाता था, क्योंकि ताइवान की लोकतांत्रिक सरकार ही 1949 में युद्ध हारने से पहले पूरे चीन की प्रतिनिधि थी. और फिर ताइवान तक ही सिमट कर रह गई. लेकिन कम्युनिस्ट चीन (Communisg China) ताइवान पर अपना हक जताता है और गाहे बगाहे उसे ताकत के दम पर कब्जाने के सपने भी देखता है. हाल के ही समय में चीनी लड़ाकू विमान ताइवान के आसमान में देखे गए थे.
चीन ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
चीन ने ताजे घटनाक्रम पर चुप्पी साध ली है. बता दें कि चीन और ताइवान में साल 2016 से ही बातचीत बंद है. ये वो समय था, जब ताइवान की राष्ट्रपति त्सई इंग-वेंग ने चुनाव जीता था.