तिब्बत के मुद्दे पर चीन के साथ अमेरिकी की तनातनी बढ़ी, US ने की ये बड़ी कार्रवाई


नई दिल्ली. तिब्बत के मुद्दे पर चीन के साथ अमेरिकी की तनातनी बढ़ गई है. अमेरिका ने चीनी कर्मचारियों के वीजा पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही अमेरिका ने तिब्बत की अर्थपूर्ण स्वायत्तता की मांग भी उठाई है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि वो नए कानून के तहत चीन के कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रहे हैं. अमेरिका का नया कानून वहां के लोगों को तिब्बत जाने की इजाजत देता है.

पोम्पियो ने कहा है, ‘बीजिंग लगातार अमेरिकी डिप्लोमेट और दूसरे कर्मचारियों के तिब्बत जाने पर अड़ंगा लगा रहा है. पत्रकारों और सैलानियों को भी तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र में जाने से रोका जा रहा है. जबकि चीन के नागरिकों का अमेरिका में आसानी से प्रवेश होता है.”

पोम्पियो ने बताया कि वो उन चीनी कर्मचारियों के वीजा पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो विदेशियों को तिब्बत जाने से रोकने में शामिल है. हालांकि उन्होंने किसी कर्मचारी का नाम नहीं लिया और अमेरिकी विदेश विभाग ने ये नहीं बताया है कि कितने लोगों पर इसका असर होगा. चीन के मामले में अमेरिका लगातार वीजा प्रतिबंध बढ़ा रहा है. अमेरिका ने  हांगकांग में दंगों के मुद्दे और करीब 10 लाख उइगर और तुर्की मुस्लिमों को कैद किए जाने के मुद्दे पर भी वीजा प्रतिबंध लगाया था. तिब्बत के मामले में अमेरिका में 2018 में एक कानून पारित किया गया था, जिसका मकसद तिब्बत में प्रतिबंधों को लेकर चीन पर दबाव बनाना है. इसी कानून के तहत अमेरिका ने चीनी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है. चीन साल 2008 से विदेशी पत्रकारों की तिब्बत में एंट्री से रोक लगाता रहा है. उसी साल तिब्बत में चीन का कड़ा विरोध शुरू हुआ था. चीन ने तब ल्हासा में अमेरिकी काउंसलेट खोलने के प्रस्ताव का भी जवाब नहीं दिया था. दिलचस्प बात ये है कि अमेरिकी कानून चीनी नागरिकों के अमेरिका के किसी हिस्से में जाने पर रोक नहीं लगाता है.

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