दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे को दोहरीकरण के लिए 3302.72 करोड़ का आबंटन

बिलासपुर. भारत की प्रगति में भारतीय रेल्वे की हमेंशा ही अहम् भूमिका रही है | रेल की सहायता से लोग अपनी दैनिक, सामाजिक, पारिवारिक एवं व्यावसायीक, औद्योगिक काम निपटाते हुए भारत की प्रगति में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे है | दक्षिण पूर्वे मध्य रेल्वे विगत कुछ वर्षों मे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़े अनेक कार्य कर रही है | इसके लिए अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दूरदराज के क्षेत्रों मे जहाँ अब तक रेल की पटरी नही पहुच सकी है वहा भी रेल लाईन बिछाने का कार्य लगातार कर रही है, साथ ही आवश्यकतानुसार नई रेल लाईन, दोहरी लाईन, तीसरी लाईन एवं चौथी लाईन का कार्य भी मंडलो के दूरदराज के क्षेत्रों मे युद्धस्तर पर काम किए जा रहे है । इस बात को ध्यान मे रखते हुये दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे तीनों मंडलो मे फैले सभी रेल खंडों पर अतिरिक्त इंफ्राएस्टरकचर बढ़ाने, उसे अधिक क्षमतायुक्त बनाने के लिए पिछले 4-5 वर्षों मे काफी प्रगति हुई है एवं कुछ ऐसे भी प्रोजेक्ट है जो चरणबद्ध ढंग से पूरे किए जा रहे है |
दक्षिण पूर्वे मध्य रेल्वे द्वारा अपने इंफ्राएस्टरकचर बढ़ाने, उसे और अधिक क्षमतायुक्त बनाने के लिए विगत 4-5 वर्षों मे किये गए कार्यों एवं अन्य बड़ी योजनाये जो प्रगति पर है, जैसे जबलपुर-गोंदिया गेज कंवर्षण प्रोजेक्ट के अंतर्गत छिंदवाडा-नागपुर गेज कन्वर्सन में पाटनसोंगी-केलोद, इतवारी-पाटनसोंगी एवं केलोद-भीमलागोंदी तक 92 किलोमीटर तक ब्राडगेज की जा चुकी है, लाईनों के दोहरी, तिहरी एवं चौथी लाइन के निर्माण के अंतर्गत किरोडीमलनगर-रायगढ़, रायगढ़-जामगा, चाम्पा-सारागांव एवं चाम्पा-सारागांव तक चौथी लाइन, पेंद्रारोड़-खोडरी तक 58.9 किलोमीटर तक इस प्रकार दोहरी, तिहरी एवं चौथी लाइन के निर्माण कार्य 151 किलोमीटर तक की जा चुकी है |
इसके अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार है
प्रोजेक्ट के नाम लम्बाई– कि.मी. प्रोजेक्ट के नाम लम्बाई– कि.मी.
बिलासपुर-उरकुरा दोहरीकरण
(पूर्ण) 110 कि.मी., राजनांदगांव-नागपुर
तीसरी लाईंन 50 कि.मी.,
सलाकारोड़-खोंगसरा-पूर्ण 26 कि.मी., बिलासपुर-झारसुगुडा चौथी लाइन-प्रगति पर 153 कि.मी.
दुर्ग-राजनांदगांव तीसरी लाइन-पूर्ण 31 कि.मी., पेन्ड्रारोड़-अनूप्पुर तीसरी लाईंन – 18 कि.मी.,
खोडरी-अनूपपुर – प्रगति पर 29 कि.मी., गेवरा रोड़- पेन्ड्रारोड़ नईलाइन – 135 कि.मी.
चाम्पा-झारसुगुडा 3 लाइन-प्रगति पर 99 कि.मी., केंद्री-धमतरी गेज परिवर्तन प्रगति पर 67 की. मी.
कुछ नईलाइन बनाने की परियोजनाएं – कार्य प्रगति पर
दल्लीराजहरा-जगदलपुर (गुदुम, भानुप्रतापपुर एवं केंवटी 44 की.मी. तक पूर्ण} 235 कि.मी. खरसिया- बलौदाबाजार- नयारायपुर-दुर्ग परियोजना 266 कि.मी. खरसिया-धरमजैगढ़ परियोजना 102 कि.मी. डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा-कटघोरा परियोजना 277 कि.मी. गेवरा रोड़ -पेंड्रारोड परियोजना 135 कि.मी. धरमजयगढ़ – कोरबा परियोजना 63 कि.मी. भरवाडीह- चिरिमिरी परियोजना 105 कि.मी. चिरीमिरी-नागपुर हाल्ट परियोजना 11 कि.मी. मंदिरहसौद-केंद्री नईलाइन परियोजना 20 कि.मी. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कई परियोजनाओं को तेजी से पूरे की गयी है और अनेक परियोजनाए प्रगती पर है | इन परियोनाओं को पूरी करने के लिए कई बार ब्लाक लिए गये जिसके कारण कई बार कुछ ट्रेनों को रद्द भी करना पडा, परन्तु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के यात्रिओं ने इन निर्माण कार्य को पूरी करने में रेलवे का भरपूर साथ दिया जिसके अच्छे परिणाम भी दिखाई देने लगे है | अभी हाल के दिनों में हमने अपने ट्रेनों की समयबदध्ता में काफी सुधार करते हुए 97% तक हासिल कर ली है एवं समयबदध्ता की दृष्टी से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 01 सितम्बर को अन्य दुसरे रेलवे की तुलना में मंथली रैंकिंग में 100 प्रतिशत के रैंकिंग को पा चुके है |
पोरबंदर-हावडा एक्सप्रेस में अतिरिक्त अस्थायी कोच की सुविधा : यात्रियों को कंफर्म सीट के साथ यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु गाडियों में अतिरिक्त कोचों का प्रावधान किया जाता है। इसी कडी में रेलवे प्रशासन द्वारा गाडियों में यात्रियों की होने वाली अतिरिक्त भीड़़़ को ध्यान में रखते हुए गाडी संख्या 12905/12906 पोरबंदर-हावडा-पोरबंदर एक्सप्रेस में 01 शयनयान कोच की सुविधा अस्थाई रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। यात्रियों को इस अतिरिक्त कोच की सुविधा का लाभ पोरबंदर से 05 सितम्बर से 29 सितम्बर 2019 तक तथा हावडा से 07 सितम्बर से 01 अक्टूबर 2019 तक प्राप्त होगी।