दर्दनाक होती है लिवर सिरॉसिस की स्थिति, जानें कारण और निवारण
क्या होती है लिवर सिरॉसिस (Liver Cirrhosis), क्या हैं इसके लक्षण और कारण (Symptoms and Reasons)… यहां जानिए हर जरूरी बात…
लिवर सिरॉसिस फाइब्रोसिस की बिगड़ी हुई अवस्था होती है। फाइब्रोसिस की समस्या में किसी अंग के तंतु लगातार बढ़ते हुए इस अंग पर फैल जाते हैं। इसके बाद स्थिति अधिक गंभीर होते हुए सिरॉसिस तक पहुंच जाती है। आमतौर पर लिवर में जब भी कोई बीमारी होती है और उसके टिश्यू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तब लिवर खुद अपनी रिपेयरिंग कर लेता है। लेकिन सिरॉसिस के बाद यह स्थिति बहुत मुश्किल हो जाती है…
लिवर की इस बीमारी की वजह

इसे क्यों ठीक नहीं कर पाता लिवर

-जैसा की हमने आपको बताया कि आमतौर पर अपनी त्वचा पर हुए घाव और डैमेज को लिवर खुद ही ठीक कर लेता है। लेकिन सिरॉसिस की स्थिति में घाव युक्त (चोटिल या संक्रमित) टिश्यूज की संख्या इतनी तेजी से बढ़ती है कि लिवर के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है।
अडवांस्ड स्टेज लिवर सिरॉसिस

सिरॉसिस के ठीक होने की संभावना

-लिवर सिरॉसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज संभव नहीं हो पाता है। लेकिन जिन लोगों में इस बीमारी के बारे में शुरुआती स्तर पर पता चल जाता है, उनकी स्थिति में सुधार की संभावना होती है। हालांकि ऐसा भी हर केस में नहीं हो पाता है।
लिवर सिरॉसिस के लक्षण

-इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे लक्षण हैं, जो लिवर सिरॉसिस के रोगियों में दिखाई पड़ते हैं। जैसे, भूख कम लगना, त्वचा पर रह-रहकर लेकिन लगातार खुजली होना, नोज़िया की समस्या, पैरों में घुटने के नीचे के हिस्सों में सूजन और जलन होना।
सेक्स लाइफ पर असर

-वहीं, महिलाओं में लिवर सिरॉसिस होने पर उनके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इसके कारण उन्हें अनेक मानसिक और शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं।
लिवर सिरॉसिस का ब्रेन पर असर

-लिवर सिरॉसिस भले ही लिवर में होती है लेकिन इसका हमारे दिमाग की कार्यप्रणाली पर भी असर होता है। इस दौरान हमारे दिमाग को शरीर के लिए जरूरी हॉर्मोन्स उत्सर्जित करने में दिक्कत होती है।
-इस कारण हमारा ब्रेन हर समय थका हुआ, कंफ्यूज, अनिर्णय की स्थिति में रहता है। शरीर और मन के बीच असंतुलन की स्थिति भी अक्सर देखने को मिलती है।