दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों-मजदूरों की घर वापसी शुरू, गृह मंत्रालय ने दी स्पेशल ट्रेन चलाने की इजाजत
नई दिल्ली. सरकार ने फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य में वापस जाने की अनुमति दे दी है. गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन के जरिये भी फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए निर्देश दिया है. राज्य सरकारें और रेल मंत्रालय ये आवाजाही सुनिश्चित करेंगे.
केंद्र सरकार के अर्धसैनिक बल कोरोना महामारी के दौर में देशभर में बड़ी मदद लोगों तक पहुंचा रहे हैं. सीआरपीएफ ने दिल्ली से लेकर दंतेवाड़ा तक लोगों को मदद पहुंचाई है रायपुर में एक लाख किलो चावल भी वितरित किए हैं. इसके साथ ही टेलीमेडिसिन की सुविधा भी लोगों के लिए प्रदान कर रहा है.
इसी तरह सशस्त्र सीमा बल नेपाल भारत सीमा पर फंसे लोगों को मुसीबत में मदद पहुंचा रहा है. साथ ही सीआईएसफ बीएसएफ भी बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में लोगों को अपने अपने तरीके से मदद मुहैया करा रहे हैं.
बता दें कि देशभर में कई शहरों में मजदूर फंसे हुए थे, उन्हें अब ट्रेन और बसों से अपने राज्यों में पहुंचाया जा रहा है.
झारखंड के 1300 मजदूरों को लेकर हैदराबाद से हटिया तक के लिए ट्रेन शुरू हो गई है. ट्रेन आज सुबह महाराष्ट्र के बल्हारशाह स्टेशन पर भी कुछ समय के लिए रुकी थी. इस दौरान रेलवे स्टेशन पर 1300 मजदूरों को पानी और भोजन के पैकेट दिए गए. ट्रेन बल्हारशाह स्टेशन पर आधा घंटा रुककर गोंदिया स्टेशन की तरफ रवाना हुई. यह ट्रेन झारखंड के हटिया तक जाएगी.
रेल प्रशासन ने मजदूर यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की है. हैदराबाद प्रशासन ने झारखंड के हटिया जा रहे इन मजदूर यात्रियों के लिए ट्रेनें खोली हैं. ये मजदूर हैदराबाद में काम करते थे.
लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स, मजदूरों, पर्यटक और तीर्थयात्रियों जैसे लोगों को अपने-अपने राज्यों में जाने के लिए छूट दी है लेकिन इसके लिए राज्यों को कुछ बातों का ख्याल रखना होगा. गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने ये जानकारी दी थी.
राज्यों को इसके लिए एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा और राज्य एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. अपने-अपने राज्यों में वापस जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग होगी. इसके लिए हर राज्य को दूसरे राज्य से आपस में सहयोग करने को कहा गया है.