देश में मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच इन आंकड़ों ने दी बड़ी राहत, जानिए डिटेल


नई दिल्ली. देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बीच मुत्युदर और रिकवरी रेट के आंकड़ों ने राहत दी है. भारत में संक्रमित हुए मरीजों का रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है और मृत्युदर में भी कमी आ रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि भारत दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्युदर वाले देशों में से एक है, यहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर 63.45 प्रतिशत है जबकि मृत्युदर 2.3 प्रतिशत है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस बीच देश में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या पिछले 24 घंटे में 34,602 के रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई. मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 8,17,208 हो गई है.

डॉक्टर हर्षवर्धन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की डिजिटल बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रति दस लाख आबादी पर 864 मामले सामने आने और 21 से कम मरीजों की मृत्यु के साथ भारत दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे कम संक्रमण और मृत्युदर वाले देशों में से एक है.

मंत्रालय के बयान के अनुसार उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार कोरोना वायरस महामारी के दौरान आम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के स्वास्थ्य मंत्रियों की मौजूदा संस्थागत बैठकों के तहत पारंपरिक चिकित्सा पर एक नए उप समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग पर चर्चा करने के लिए एससीओ के भीतर कोई संस्थागत तंत्र नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को पूरा करने की क्षमता रखता हो.

मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या के लगातार बढ़ने के मद्देनजर संक्रमण से उबर चुके लोगों की संख्या उपचार करवा रहे रोगियों की संख्या से 3,77,073 अधिक हो गई है. देश में फिलहाल कोरोना वायरस के 4,40,135 मरीजों का इलाज चल रहा है. देश में 23 जुलाई तक कुल 1,54,28,170 नमूनों की जांच की जा चुकी है. बृहस्पतिवार को 3,52,801 नमूनों की जांच की गई.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘इस लिहाज से भारत में प्रति दस लाख लोगों पर 11,179.83 जांच हो रही है और जांच, पता लगाने और उपचार किए जाने की रणनीति अपनाने के बाद उसमें लगतार वृद्धि हुई.’

मंत्रालय ने कहा कि स्वस्थ होने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि के साथ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को अधिक मरीजों वाले क्षेत्रों में विशेषज्ञों के केंद्रीय दल भेजने से बल मिला.

भारत के पहले स्वदेशी विकसित कोविड टीके कोवैक्सिन का पहले चरण का मानव परीक्षण शुक्रवार को एम्स में शुरू हुआ और 30 वर्षीय एक व्यक्ति को उसका पहला डेाज दिया गया. पिछले शनिवार से एम्स में इस परीक्षण के लिए 3500 से अधिक स्वयंसेवकों ने पंजीकरण करवाया है. इस अध्ययन से जुड़े एम्स के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर संजय राय ने यह जानकारी दी.

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