April 24, 2020
दो धारी तलवार पर चलकर फर्ज निभा रहे हैं कोरोना वारियर्स
(धीरेंद्र कुमार द्विवेदी)
आए दिन देश- प्रदेश में सुनने व देखने को मिलता है कि पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर रहे हैं वहीं कोरोना वारियर्स को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है पूरे देश में लॉक डाउन को पूर्णता लागू कराने में पुलिस जवानों को भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जहां एक ओर असामाजिक तत्व एवं रसूखदार लोगों के द्वारा लॉक डाउन का उल्लंघन किया जाता है साथ ही पुलिस जवानों के विरुद्ध शिकायतें भी की जाती है जिसका खामियाजा जवानों को अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में सजा भी मिलती है वही *जवान यदि ना रोके तो दोषी, रोक दे तो दोषी ऐसे में ड्यूटी पर अपनी फर्ज* निभा पाना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण महसूस कर रहे हैं , दूसरी ओर देखें तो चिकित्सक भी कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों के बेहतर इलाज के लिए दिन-रात अपने परिजनों से दूर रहकर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं वही कोरोना से संक्रमित व्यक्ति एवं परिजनों के द्वारा डॉक्टरों के ऊपर हमला किया जाना कोरोना वरियर्स के साथ अन्याय है इस दर्द को महसूस कर कहीं ना कहीं अपने आप को ना रोक पाते हुए *सरगुजा रेंज पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी* के द्वारा जवानों को तत्पर रहकर अपनी ड्यूटी मुस्तैदी के साथ करने की हिदायत दी गई है अच्छे कार्यों को सराहते हुए पुरस्कृत भी किए साथी उनके ऊपर हो रहे अन्याय अत्याचार के विरुद्ध भी सजग किया है फिर भी सवाल बनता है कि *आखिर कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के विरुद्ध अपनी जान जोखिम में डालकर लड़ने वाले कोरोना वारियर्स के ऊपर अन्याय और अत्याचार कब तक* कब समझेंगे लोग की अगर जवान सड़क पर खड़ा है तो उनकी ही हित और भलाई के लिए खड़ा है ऐसे में अपनी ड्यूटी निभा रहे जवान को सजा देना आज के परिवेश में कहीं ना कहीं जवानों के मनोबल को गिराता है एवं उनको ड्यूटी करने में भी सवालिया निशान खड़ा करता है गुप्त तरीके से जवानों से जब इस संबंध में चर्चा की गई तो जवान लॉक डाउन में ड्यूटी करना बहुत बड़ी चुनौती मानते हैं इस दौरान अपनी नौकरी को बचाने फ़िराक में ज्यादा है उसे लगता है कि कहीं मेरे द्वारा लॉक डाउन के उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है तो कहीं ना कहीं सजा का डर उसके मन में बसा हुआ है जवानों ने बताया कि सख्ती से ड्यूटी करने का खामियाजा उन्हें सजा बतौर मिलता है *यही कारण है कि बेखौफ लोग सड़कों पर बगैर हेलमेट , बगैर ठोस वजह, बगैर मास्क सड़कों पर लोग घूमते हुए इधर-उधर नजर* आ रहे हैं साथ ही कोरोना संक्रमण की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं सुबह से शाम तक लोग बेखौफ *बाइक में दो तीन सवारी घूमते* रहते हैं जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि *घर से मास्क लगाकर ही निकालना है बाइक में एक सवारी एवं चार पहिया वाहन में दो सवारी ही सफर* कर सकते हैं फिर भी सड़कों पर लोगों को बेखौफ घूमता हुआ दिखना कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने के समान है वहीं कहीं ना कहीं इनके विरुद्ध कार्यवाही ना कर पाना जवान की मजबूरी साफ-साफ दर्शाता है.