नगर पालिका आम निर्वाचन 2019 : संपत्ति विरूपण पर होगी दंडात्मक कार्यवाही

बिलासपुर.जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ.संजय अलंग द्वारा सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया गया है कि नगर पालिका आम निर्वाचन 2019 के दौरान संपत्ति विरूपण को रोकने हेतु आवश्यक उपाय सुनिश्चित किया जाये। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधाननुसार कोई भी व्यक्ति, जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के, उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रूपया तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर के द्वारा जारी निर्देशानुसार संपत्ति विरूपण के संदर्भ में, राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाना है। अतः सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों का कठोरतापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाये। संपूर्ण निर्वाचन के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, तो ऐसे कृत्यों के निवारण के लिए एक टीम तत्काल प्रभाव से गठित की जाये। इस टीम में नगरीय निकाय (नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत), लोक निर्माण विभाग तथा राजस्व विभाग (नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक) एवं पुलिस विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को सम्मिलित किया जाये। आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में टीम गठित कर, जिला स्थानीय निर्वाचन कार्यालय, बिलासपुर को अवगत कराया जाये। टीम गठित करने का कार्य संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा किया जाये। गठित टीम संबंधित क्षेत्रों में सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति को, संपत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्ण स्वरूप में लाएगी तथा टीम द्वारा संपत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई जायेगी।
यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद, गठित टीम निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगी एवं संबंधित थाना प्रभारी द्वारा प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जायेगा। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जायेगा। संबंधित थाना प्रभारी द्वारा संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की जायेगी। संबंधित टीम शिकायत या उन्हें प्राप्त संपत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक पंजी में दर्ज करंेगी एवं विरूपित संपत्ति को फोटोग्राफी, विडियोग्राफी करायेगी।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ.संजय अलंग द्वारा चुनाव प्रक्रिया के समाप्ति तक जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिला दण्डाधिकारी बिलासपुर द्वारा कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 04 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले के उन क्षेत्रों में जो नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद अथवा नगर पंचायत की सीमा के अंतर्गत आते हैं, रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना अथवा करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध किया गया है। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, चुनाव प्रचार के लिये वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकेगा। किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं मध्यम आवाज में ही प्रयोग किये जायंेगे। लोक शांति को देखते हुए लम्बे चोंगे वाले लाउडस्पीकरों का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाउडस्पीकर, समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया गया है।
चुनावी सभाओं एवं चुनाव प्रचार करने के लिये वाहनांे ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने के जिला मुख्यालय पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी बिलासपुर, अनुविभाग मुख्यालयों पर संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील मुख्यालय में तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी तथा उप तहसील स्तर पर अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। जिले के नगरीय क्षेत्रों में प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर सामान्यतः किया जा सकता है, परन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगरपालिका परिषद, जनपद पंचायत एवं अन्य स्थानीय निकाय कार्यालय, बैंक, पोस्ट आफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।

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