नशे की गिरफ्त में युवा,स्लम बस्तियों के बाद अब पॉश इलाकों में भी हो रही बिक्री


बिलासपुर.शहर में नशे के सौदागरों का आना जाना लगा हुआ है।जो बाहर राज्यों से नशीली दवाओं का जखीरा शहर में लाकर खपा रहे है।जिसकी गिरफ्त में आकर लोग अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे है।वही इन नशीली दवाओं के गिरफ्त में ज्यादातर युवा इसके शिकार हो रहे है।शहर में तो कई तरह के नशे की सामग्री बिक रही है।जिनमें गांजा,कोरेक्स,नाइट्रा,आदि मादक पदार्थों की बिक्री होती है।यह सभी माल बाहर राज्यों से रेल मार्ग और बस रूटों से शहर के अंदर लाये जाते है।जिन्हें छोटे छोटे टुकड़ों में खपाया जाता है।शहर के लगभग कई वार्डो में नशे के सामान बिकते है।लेकिन कुछ मोहल्ले ऐसे है जहां डेली नशीली दवाओं की खपत भरपूर होती है।जिनमें जरहाभाठा निबस्ति,तालापारा,रेलवे इलाके, चिंगराज पारा, गोंड़पारा,चांटीडीह, अशोक नगर में इन मादक पदार्थों की भारी बिक्री होती है।समय समय पर बिलासपुर पुलिस के द्वारा नशे के सौदागरों पर कार्रवाई की जाती है।लेकिन छोटे मोटे कार्रवाई कर पुलिस सिर्फ खानापूर्ति करती है।जबकि लोगों का कहना है कि जिन जिन मोहल्लों में नशे की सामग्री बिकती है।उन जगहों पर पुलिस को लगातार अभियान चला कर कार्रवाई करना चाहिए।ताकि इन पर पूरी तरह से रोक लग सके।और युवाओं को इस गिरफ्त से बाहर निकाला जा सके।पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा के निर्देश पर लगातार कार्रवाई होने से शहर में हड़कंप मचा हुआ है।जिससे अपराधी डरे सहमे से नजर आ रहे है वही थानेदारों के भी हाथ पैर फुले हुए है।जो लगातार अपने थाना क्षेत्र में कार्रवाई भी कर रहे है।मगर शहर में जगह जगह नशे के जखीरे को भी खत्म करने के लिए पुलिस को अभियान चलाना चाहिए।ताकि इस पर पूरी तरह से रोक लग सके।अब देखना यह होगा कि आईजी दीपांशु काबरा शहर में नशे के कारोबारियों पर किस तरह कार्रवाई करते है।

नाबालिग मुजरिम
शहर में नशे का ग्राफ दिनों दिन बढ़ते जा रहा है जिसकी चपेट में नाबालिग आ रहे है।शहर में एक साल के अपराधों का ग्राफ देखा जाये तो उनमें कई मामलों में पकड़े जाने वाले मुजरिमों में नाबालिग लोग शामिल रहे है।यह नाबालिग नशे के आदि हो जाते है जो नशे में धुत होकर अपराध कर बैठते है।वही कुछ अपनी शौक पूरा करने के लिए चोरी,डकैती जैसी वारदात को अंजाम देते है।

पॉश कॉलोनियों में भी इसका असर
नशे के खेप स्लम बस्तियों में ज्यादातर बिक जाते है।यह तो सभी जानते है,लेकिन अब बड़े बड़े घरों के बच्चों पर भी नशे का असर हो रहा है।जो अच्छी पढ़ाई करने के बाद भी खुलेआम नशा कर रहे है। शहर के पॉश कॉलोनियों में भी नशे की सामग्रियां बिक रही है।

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