नाबालिग से दुष्कृत्य करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त

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सागर. न्यायालय सुधांषु सक्सेना विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का का संरक्षण अधिनियम 2012 रहली जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी भरत का प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से पक्ष वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी आशीष त्रिपाठी, रहली ने रखा। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 31.10.2020 को रात करीब 12 बजे फरियादी के रिश्तेदार की तबीयत खराब हो जाने से उन्हें देखने गया था, उस समय अभियोक्त्री जो कि नाबालिग है, घर पर सो रही थी। जब रात्रि 02 बजे वह घर आया तो अभियोक्त्री घर पर नही थी। आसपास पता करने पर भी कोई पता नही चला। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना रहली में लेखबद्ध कराई गयी। उक्त रिपोर्ट पर धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तायाव किया गया। अभियोक्त्री के कथनों के आधार पर अभियुक्त भरत के विरूद्ध धारा 366,376 भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया और महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को सुना गया, अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियेाजन के तर्को से सहमत होकर अभियुक्त भरत का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दं.प्र.सं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।

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