निजी अस्पताल का कारनामा: मरीज फीस नहीं दे पाया तो बिना टांका लगाए अस्पताल से कर दी छुट्टी

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बिलासपुर. लोग डॉक्टर को भगवान का दर्ज़ा देते हैं। इस पेशे का लक्ष्य पैसा कमाना नहीं, बल्कि मरीजों की सेवा करना है। लेकिन बिलासपुर में संचालित यूनिटी हॉस्पिटल इसे निराधार साबित कर रहा है। एक मरीज को आधे अधूरे इलाज के बीच आपरेशन के बाद जब वो पैसे नहीं दे पाया तो उसके गले में चीरा लगाने के बाद टांका नहीं लगाया। ऐसे में आर्थिक स्थिती से अक्षम मरीज चीरे से कटा हुआ गला लेकर घर वापस चला गया। इसके बाद उसने इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन से की है। शिकायत में कोरबा जिले के अंतर्गत ग्राम धावा निवासी शिव कुमार बियार ने बताया है कि कुछ दिनों पूर्व दांतो में दर्द की समस्या थी। जिसके इलाज के लिए उसके मित्र ने मिशन हॉस्पिटल रोड़ स्थित यूनिटी हॉस्पिटल के बारे में बताया।

जहां उसे ऑपरेशन करने कहा गया। मरीज़ ने किसी तरहा ऑपरेशन के रकम एकत्रित कर जमा किया। जिसके बाद यूनिटी हॉस्पिटल में मरीज़ का ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी बीच डॉक्टरों को पता चला कि मरीज़ ने ऑपरेशन के लिए बताई गई रकम जमा नही कराई है। इसके बाद शिव कुमार से इलाज के पैसे मांगे वो पैसे देने में अक्षम था। रकम जमा नहीं कराने पर डॉक्टरों ने कटे हुए गले को सिला तक नही ऐसे में मरीज़ चीरा लगाने के बाद बिना टांका लगा हुआ गला लेकर घर चला गया। इसके बाद किसी तहर आयुर्वेदिक इलाज से उसका घाव सुखा जिसके बाद उसने सीएमएचओं डॉ. प्रमोद महाजन से अस्पताल संचालक के खिलाफ पैसे की कमी के कारण चीरे में टांका न लगाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराते हुए जांच की मांग की है।

नर्सिंग होम में पूरी बिल्डिंग बताई लेकिन आधे हिस्से में लग रहा स्कूल

शिकायतकर्ता ने बताया कि मिशन हॉस्पिटल रोड़ में स्थित यूनिटी हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग द्बारा जांच के बाद इलाज की अनुमति पूर्व में दी गई थी। जहां हॉस्पिटल का संचालन पूरे परिसर में होना दर्शाया गया था। लेकिन वर्तमान में उक्त हॉस्पिटल के आधे हिस्से में ब्रिलियंट स्कूल संचालित किया जा रहा है। या स्कूल के लिए चिन्हित बिल्डिंग में हॉस्पिटल संचालित किया जा रहा है। यह अब भी जांच का विषय है। यानि कि नियमों को ताक पर रख और स्वास्थ्य विभाग के आखो में धूल झोंक यूनिटी हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है।

 संरक्षण के कारण  अस्पतालों में नही होती कार्रवाई

इलाज के नाम पर जिले में लूट मचाने वाले हॉस्पिटलों की कई शिकायते आ चुकी है। कोरोना काल में एक मलेरिया के गलत उपचार के कारण एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। वहीं कई मामले पैसे के कमी के कारण इलाज न करने या फिर तय राशि से अधिक इलाज के बाद मांगने संबंधी शिकायते स्वास्थ्य विभाग को मिल चुकी है। इसके बाद भी पहुच और संरक्षण के कारण कार्यवाही नहीं होती है।

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