गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय महिला के साथ चलती बस में बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके चलते बाद में उसकी मौत हो गई थी. मामले में छह आरोपियों को पकड़ा गया था. इन सभी में से एक आरोपी नाबालिग था. उसे जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. वहीं, एक अन्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर दी थी.
निर्भया केस : दोषी मुकेश से तिहाड़ जेल में मिलने आई मां…
नई दिल्ली. निर्भया केस के चारों दोषियों को 21 जनवरी को फांसी दिए जाने के आदेश के बाद अब दोषियों के परिवार वालों को उनसे मिलने दिया जा रहा है. तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया है कि दोषी मुकेश की मां मिलने के लिए जेल में आई थी जिसे मिलने दिया गया. फिलहाल सभी परिवार से मिल सकते हैं. ऐसी भी खबर है कि जब फांसी की तारीख करीब आएगी, तब मुजरिमों की आखिरी मुलाकात करवाइ जाएगी. दोषी मुकेश के अलावा किसी और का परिवार अभी मिलने नहीं आया है.
तिहाड़ के सूत्र ने बताया, ‘कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही निर्भया के सभी दोषियों को अलग अलग सेल में रख दिया गया है. हमने यूपी को 2 जल्लाद के लिए लिखा है जिसमें एक पवन जल्लाद है एक और जल्लाद के लिए लिखा है.सभी को नॉर्मल खाना दिया जा रहा है, जो जेल में दिया जाता है. सभी दोषियों को बता दिया गया है कि अपनी जायदाद किसी के नाम करनी है तो बता दें, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.’
दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर 14 जनवरी को होगी सुनवाई
निर्भया केस (Nirbhaya case) के दोषी विनय शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटिशन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मंगलवार (14 जनवरी) को सुनवाई करेगा. जस्टिस रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस नरीमन, जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करेगी.
गौर हो कि क्यूरेटिव पिटीशन तब दाखिल की जाती है, जब किसी मुजरिम की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है.
बता दें मंगलवार 7 जनवरी, 2020 को जब दिल्ली की अदालत ने निर्भया के चारों हत्यारों (पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर) की फांसी का वारंट जारी कर दिया था. फांसी पर लटकाने की तारीख 22 जनवरी, 2020 और वक्त सुबह 7 बजे मुकर्रर कर दिया. जगह तय की गई है दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) नंबर-3 में मौजूद फांसीघर.