उधर, निर्भया के चारों गुनाहगारों को तिहाड़ जेल के जेल नंबर 3 में शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी हाे चुकी है.इन्हें शिफ्ट करने से पहले जेल नंबर 3 की हाई सिक्योरिटी सेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसकी मॉनिटरिंग का सिस्टम अपग्रेड किया जा रहा है. जेल नंबर 3 के हाई सिक्योरटी सेल में ए और बी दो ब्लॉक हैं.दोनों में 10-10 कमरे हैं.निर्भया के गुनहगारों के लिए ए ब्लॉक खाली करवाया जा चुका है.यह ब्लॉक फांसी घर से बिल्कुल सटा है.यहां से इन्हें फांसी घर ले जाने में एक मिनट से भी कम समय लगेगा और फांसी का तख्त यहां से 30 मीटर दूर है.
निर्भया के दोषियों को फांसी देने पहले होगा सभी रस्सियों का फाइनल ट्रायल
नई दिल्ली. निर्भया केस में फांसी देने से ठीक एक दिन पहले 21 जनवरी को तमाम रस्सियों का फाइनल ट्रायल किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक कैदी के वजन के हिसाब से उसकी डमी या फिर सैंड बैग (रेत से भरे बैग) को रस्सी पर लटकाकर देखा जाएगा.चारों को फांसी देने के लिए 12 रस्सियों का इंतजाम किया गया है. सूत्रों के मुताबिक हर दोषी के लिए बैकअप के तौर पर दो-दो रस्सियां रिजर्व में रखने का आदेश है, जिससे फांसी के वक्त अगर रस्सी धोखा दे जाती है तो दूसरी रस्सी से फांसी दी जाए.
अगर दूसरी रस्सी भी टूट जाए तो तीसरी रस्सी का इस्तेमाल किया जाए और यह मजबूत होनी चाहिए.माना जाता है कि फंदे पर इतने समय तक कोई भी शख्स जिंदा नहीं रह सकता.इसलिए फांसी देने के बाद आधे घंटे तक कैदी को लटकाए जाने का प्रावधान है.इसके बाद मौके पर उपस्थित आरएमओ को अगर लगता है कि किसी कैदी को और अधिक समय तक लटकाने की जरूरत है, तो ही उसे अधिक समय तक लटकाया जाएगा.