पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई से NBA नाराज, मीडियो के बारे में कही ये बात


नई दिल्ली. प्राइवेट टीवी न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) ने मुंबई में हाल के दिनों में हुए घटनाक्रम पर चिंताई जताई है. NBA के अनुसार, रिपब्लिक टीवी (Republic TV) और मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के बीच टकराव से मीडिया और पुलिस, इन दोनों प्रमुख संस्थानों की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. वहीं टीवी न्यूजरूम में काम करने वाले पत्रकारों को अब इस दुर्भाग्यजनक टकराव में निशाना बनाया गया है.

NBA ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा, ‘रिपब्लिक टीवी जिस तरह की पत्रकारिता करता है NBA उस का समर्थन नहीं करता, हालांकि रिपब्लिक टीवी एनबीए का सदस्य नहीं है और हमारी आचार संहिता का पालन नहीं करता, तो भी इसके एडिटोरियल स्टाफ के खिलाफ केस दायर करने की कार्यवाही पर हमें सख्त ऐतराज है. हम भारत के संविधान में मीडिया को दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं, लेकिन इसके साथ ही हम पत्रकारिता में नैतिकता के मानदंडों और रिपोर्टिंग में निष्पक्षता और संतुलन बनाए रखने के हिमायती भी हैं.’

स्टेटमेंट के मुताबिक, ‘न्यूजरूम में काम करने वाले पत्रकारों को शिकार बनाए जाने के किसी भी प्रयास की NBA कड़ी निंदा करता है. लेकिन साथ ही मीडिया की तरफ से बदले की भावना से की गई रिपोर्टिंग का भी विरोध करता है. हम ऐसी आधारहीन खबरें दिखाए जाने की निंदा करते हैं जो नियम कानून को लागू करवाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के काम में बाधा डालती हैं.’

NBA ने मुंबई पुलिस से अपील करते हुए कहा कि वह किसी भी पत्रकार को इस टकराव में निशाना न बनने दें. NBA ने कहा, ‘हम रिपब्लिक टीवी में काम करने वाले सभी पत्रकारों से अपील करते हैं कि वे पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा को न लांघें, जैसा बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा उनके केस में कॉमेंट किया गया है. NBA इस बात को दोहराना चाहता है कि वह पत्रकारिता में नफरत पैदा करने वाली खबरों और अनैतिक आचरण के सख्त खिलाफ है.’

स्टेटमेंट में कहा गया है कि न्यूज चैनल्स रिटायर्ड जस्टिस अर्जुन सीकरी की अध्यक्षता वाली नियामक संस्था न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स ऑथरिटी (NBSA) के आदेशों का सख्ती से पालन करते हैं. पिछले कई सालों से NBSA न्यूज चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों पर कड़ी निगरानी रखता आया है. इसने देश के बड़े-बड़े न्यूज चैनलों और क्षेत्रीय चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की है, बहुत से मामलों में जुर्माना लगाने से लेकर माफी मंगवाने और चेतावनी देने के अनेक आदेश दिए हैं, जिनमें सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले भी शामिल हैं. हमारी अपील है कि जो न्यूज चैनल NBA के सदस्य नहीं हैं, उनसे भी NBSA की गई आचार संहिता और दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा जाए.

स्टेटमेंट में ये भी कहा गया है कि NBA उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कथित TRP हेराफेरी के मामले में मीडिया के खिलाफ खुली FIR दायर करने की कार्रवाई पर भी गहरी चिंता व्यक्त करता है. जिस तत्परता के साथ इस केस को रातोंरात CBI को ट्रांसफर किया गया, उससे इरादों को लेकर शंका पैदा होती है. एक व्यक्ति, जिसका इस मामले से कोई सरोकार नहीं है, कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक शिकायत दायर करता है और इसके कारण मीडिया, एडवर्टाइजर्स और एडवर्टाइजिंग एजेन्सियों के खिलाफ अंधाधुंध कार्रवाई वाली स्थिति पैदा होने की आशंका पैदा हो गई है. सरकार से हमारी अपील है कि वह CBI को भेजे गए इस मामले को तत्काल वापस लें.

TRP से जुड़े मामलों से निपटने के लिए BARC ने पहले ही एक मैकनिज्म बना रखी है. रिटायर्ड जस्टिस मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली एक इंटर्नल कॉमपिटेंट ऑथरिटी को TRP में हेराफेरी जैसे मामलों की जांच के लिए अधिकृत किया गया है. TRP में हेराफेरी के सारे आरोप इस ऑथरिटी को सौंप दिया जाना चाहिए.

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