पदयात्रा निकाल भूविस्थापितों ने किया गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव

कोरबा. घाटमुड़ा से विस्थापित और गंगागनगर में पुनर्वासित परिवारों की लंबित समस्याओं को लेकर पूर्व घोषणा के अनुसार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में सैकड़ों भूविस्थापितों ने आज गंगानगर से पांच किमी. पदयात्रा करके एसईसीएल के गेवरा मुख्यालय का घेराव किया तथा कार्यालय के मुख्य दरवाजे को जाम करके धरना पर बैठ गए। महाप्रबंधक एस के मोहंती से सकारात्मक बातचीत के बाद ही यह धरना समाप्त हो सका। इस बीच अधिकारियों-कर्मचारियों की कार्यालय में आवाजाही रूकने के कारण दो घंटे तक कार्यलय का कामकाज ठप्प रहा।

लंबित रोजगार प्रकरणों के तत्काल निराकरण, भूविस्थापित परिवारों को विस्थापन का प्रमाणपत्र तथा काबिज भूमि का अधिकार पत्र देने, पुनर्वास ग्राम गंगागनगर में स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी, गौठान, मनोरंजन गृह, श्मशान घाट, पार्क जैसी बुनियादी मानवीय सुविधाएं उपलब्ध कराने, एसईसीएल के अस्पताल में उन्हें मुफ्त इलाज की सुविधा देने, एसईसीएल द्वारा गांव में की गई तोड़फोड़ का मुआवजा देने आदि मांगों पर आयोजित इस प्रदर्शन में गंगानगर के साथ ही आसपास के ग्रामीणों ने भी शिरकत की।
उल्लेखनीय है कि एसईसीएल की गेवरा परियोजना के लिए वर्ष 1980-81 में घाटमुड़ा के 75 परिवारों को विस्थापित किया गया था तथा 25 एकड़ के प्लॉट में गंगानगर ग्राम में उन्हें बसाया गया था। पिछले 40 सालों में इन विस्थापित परिवारों की संख्या और आबादी बढ़कर दुगुनी से अधिक हो गई है। उक्त मांगों पर माकपा और छत्तीसगढ़ किसान सभा पिछले दो सालों से विस्थापित ग्रामीणों के पक्ष में आंदोलन कर रही है। इन आंदोलनों के दौरान कई बार ग्रामीणों की एसईसीएल प्रबंधन और प्रशासन के साथ वार्ताएं हुई, लेकिन आश्वासन के बावजूद निराकरण नहीं हुआ। दो माह पूर्व ही एसईसीएल द्वारा दी गई नोटिसों का सामूहिक दहन किया गया था और मुख्यालय घेराव के लिए पदयात्रा का आयोजन किया था, जिसे लॉक डाउन का हवाला देते हुए प्रशासन ने बीच में ही रोक दिया था।
मुख्यालय गेट पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोंकझोंक और झड़प हुई और प्रदर्शनकारी मुख्यालय परिसर में घुसने में कामयाब हो गए। वे कार्यालय के मुख्य द्वार को जाम करके धरना पर बैठ गए, जिसके कारण कार्यालय का पूरा कामकाज ठप्प हो गया। इन प्रदर्शनकारियों को सीआईएसएफ ने बलपूर्वक हटाने की भी कोशिश की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसे सामान्य करने के लिए प्रबंधन को वहां से इन सुरक्षा बलों को हटाने के लिए बाध्य होना पड़ा। दो घंटे तक मुख्य द्वार जाम रहा और जबरदस्त नारेबाजी के साथ-साथ माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, सुरती कुलदीप, किसान सभा के नेता प्रताप दास, जवाहर सिंह कंवर, नंदलाल कंवर, दीपक साहू, देवकुंवर, हुसैन अली तथा जनवादी महिला समिति की नेता धनबाई कुलदीप आदि ने संबोधित किया।
माकपा नेता प्रशांत झा और पार्षद राजकुमारी कंवर के नेतृत्व में 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने महाप्रबंधक से वार्ता की। एसईसीएल के आदिवासी विरोधी, किसान विरोधी रवैये के खिलाफ पूरे प्रतिनिधिमंडल ने जमीन पर बैठकर महाप्रबंधक और अधिकारियों से चर्चा की। ग्रामीणों की मांगों पर सकारात्मक आश्वासन देने के साथ ही महाप्रबंधक मोहंती ने 24 नवम्बर को गंगागनगर ग्राम का दौरा करने और स्थानीय समस्याओं का जमीनी निरक्षण कर हल करने की घोषणा की है। माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर ने कहा है कि अगर 10 दिनों के अंदर धरातल पर काम नहीं दिखेगा, तो इस आंदोलन के दूसरे चरण में 30 नवंबर को गेवरा खदान बंद करने का  आंदोलन किया जाएगा।

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