August 26, 2020
पशु चिकित्सालय में दवाई के साथ बुनियादी सुविधा का अभाव
अंबिकापुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. सरगुजा जिले के लखनपुर में इन दिनों क्षेत्र के पालतू गाय बैलों में जहां संक्रामक बीमारी फैलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. वहीं पशु चिकित्सालय में दवाई का टोटा बना हुआ है. पशुपालक अपने बीमार गाय बैलों को लेकर काफी चिंता ग्रस्त हैं. यदि बात करें संक्रामक बीमारी की तो विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि मौजूदा वक्त में फैलने वाले गाय बैलों में संक्रामक बीमारी का कोई माकूल इलाज नहीं है. रोकथाम के नजरिए से संभावित उपचार किय जा रहे है, परंतु इलाज के बाद बीमार पशुओं के सेहत मैं इलाज का असर नहीं हो रहा. पशुओं के स्वास्थ्य ठीक होने के कारगर नतीजे सामने नहीं आ रहे हैं.
बताया भी जा रहा है कि पालतू गाय, बैल, बछड़े संक्रामक बीमारी के गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं. बाद इस के लखनपुर पशु चिकित्सालय में दवाई का अभाव बना हुआ है. संक्रामक बीमारी के अलावा दूसरे तरह की बीमारी मैं प्रयुक्त होने वाला पेनिसिलिन टेरामाइसिन मेलोमेकस प्लस पेरेडेनेसोलोन डेकसोना इत्यादि दवाइयां उपलब्ध नहीं है. पशुओं में होने वाले डायरिया की गोली पाउडर कृमि घाव सुखाने के मल हम आदि कई तरह की दवाई का टोटा अस्पताल में बना हुआ है. पशुपालक दवाई दुकानों से ऊंचे कीमत पर दवाई खरीदने मजबूर हैं. लखनपुर पशु चिकित्सालय का दूसरा पहलू यह भी है कि अस्पताल परिसर में अहाता निर्माण नहीं होने कारण आसपास के मोहल्ले वासी परिसर में प्रायः स्वच्छता को दरकिनार करते हुए कचड़ा डाल गंदगी कर जाते हैं. साथ ही कुछ असामाजिक तत्व पशु चिकित्सालय के बिजली बल्ब खिड़की में लगे शीशे इत्यादि तोड़फोड़ कर चले जाते हैं.
विडंबना है कि कई बार शासन प्रशासन से मांग किए जाने के उपरांत आज तक पशु चिकित्सालय प्रांगण में अहाता एव मुख्य गेट का निर्माण नहीं हो सका है. साथ ही दूरदराज ग्रामीण अंचल से बीमार पशुओं को अस्पताल परिसर मैं लाने के बाद ठहराने के लिए उपयुक्त शेड का निर्माण बीमार पशु को लाने वाले पशु पालकों की उपयोग के निस्बत शौचालय निर्माण नहीं हो सका है. जिससे पशु चिकित्सालय में आने वाले जरूरतमंदों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. बाहर हाल पशु चिकित्सालय में दवाई की उपलब्धता निहायत जरूरी है. लिहाजा क्षेत्र के पशुपालकों ने पशु चिकित्सालय में व्यवस्था सुधार को लेकर शासन प्रशासन से मांग किया है.