पाक सरकार अल्पसंख्यकों के साथ कर रही है भेदभाव, भूख से मरने को मजबूर हैं हिंदू और ईसाई


नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) और पाक अधिकृत कश्मीर में रह रहे अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान सरकार ने घरों में बंद कर दिया है और इस दौरान न तो उन्हें खाने-पीने के लिए राशन दिया जा रहा है और न ही उन्हें खाने-पीने की जरूरी चीजें मुहैया कराई जा रही हैं. पाक में रह रहे हिंदू, ईसाई और सिख धर्म को मानने वाले लोग जब भी इन राशन की दुकानों पर जाते हैं, तो उन्हें वापस लौटा दिया जाता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में इस वक्त कोरोना वायरस के चलते अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पूरे पाकिस्तान में 1865 कोरोना के मामले सामने आए हैं. खैबर पख्‍तूनखवा में 221, बलूचिस्‍तान में 153, गिलगिस्तान-बालटिस्तान में 148 और इस्लामाबाद में 58 मामले कोरोना वायरस के मिले हैं.

पाकिस्तान में रहने वाले एक हिंदू ने कहा कि हमारे साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जा रहा है. हमें कोई मदद नहीं दी जाती है. जब हम राशन की दुकानों पर जाते हैं, तो अल्पसंख्यक होने के नाते हमें वापस भेज दिया जाता है.

हिंदू हो या ईसाई सभी अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. पाकिस्तान के कराची में रहने वाली ईसाई परिवार की किरण ने कहा है कि हम ईसाई हैं इसलिए हमारे साथ भेदभाव हो रहा है. हमारे सारे कारोबार ठप हैं. हम बहुत मुसीबत में हैं.

पाकिस्तान के अलग-अलग प्रांतो में बड़ी संख्या में हिंदू, सिख और ईसाई धर्म मानने वाले लोग रहते हैं. जब भी ये अल्पसंख्यक पाक अधिकारियों के पास जाते हैं, तो इन्हें ये कहा जाता है कि अल्पसंखयक होने के नाते कोई मदद नहीं दी जाएगी. इनमें से कई परिवार बेहद गरीब हैं और घर में बंद होने की वजह से इनके सामने आर्थिक संकट छाया हुआ है.

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