पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज


नई दिल्ली. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक के आदेश में संशोधन की मांग वाली याचिकाओं पर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने पुरी में 23 जून को निकलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा पर रोक लगाने की मांग वाली एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करके यात्रा पर रोक का आदेश 18 जून को दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बदलाव की संभावना बेहद कम है. इसकी वजह एक कानूनी पेंच है.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश में संशोधन की मांग को लेकर जो याचिकाएं दायर हुई हैं, वो सोमवार को एक जज जस्टिस एस. रविंद्र भट के सामने चेंबर सुनवाई के तहत लगी हैं, एक जज इस मामले में तीन जजों के पुराने आदेश में संशोधन नहीं कर सकते हैं. संशोधन या तो तीन जजों की बेंच कर सकती है या फिर तीन जजों से ज्यादा जजों की बेंच कर सकती है. बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक के आदेश में संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट में करीब दर्जन याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें एक याचिका मुस्लिम युवक की है. इन याचिकाओं के पुरी सीट से पिछला लोकसभा चुनाव हार चुके बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा की भी है.

याचिकाओं में कहा गया है कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा सदियों पुरानी परंपरा है, जिसमें करोड़ों लोगों की आस्था है. याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि पुरी की मुख्य रथयात्रा को निकालने की अनुमति दी जाए. यात्रा निकालने और पूजा के लिए लाखों लोगों को नहीं केवल 500-600 लोगों को इजाजत मिले, जो कोरोना संकट के मद्देनजर बचाव संबंधी गाइडलाइन और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखेंगे. संबित पात्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि कोरोना टेस्ट में नेगेटिव रिपोर्ट वाले 800 सेवादार के जरिए यात्रा निकालने की इजाजत मिले.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संकट के चलते ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा निकालने और उससे जुड़ी गतिविधियों पर 18 जून को रोक लगा दी थी. यह यात्रा 23 जून को निकालनी थी, जिसमें 10 लाख से ज्यादा लोगों के जमा होने की उम्मीद थी, यह कार्यक्रम करीब 10 दिन चलता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए ये आदेश जरूरी है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ से माफी भी मांगी थी.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस. ए. बोबडे ने कहा था, ‘अगर हम इसकी इजाजत देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे. महामारी के समय ऐसे आयोजन नहीं हो सकते हैं. लोगों के स्वास्थ्य के लिए ये आदेश जरूरी है.’

दरअसल यह यात्रा रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह एक एनजीओ ने याचिका दायर करके कहा था कि राज्य सरकार यात्रा पर रोक के आदेश का फैसला नहीं ले पा रही है और यात्रा की तैयारियों का काम बड़ी तेजी से चल रहा है, जिसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी, जिससे कोरोना महामारी और फैल सकती है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पिछले हफ्ते एक एनजीओ ने याचिका दायर करके कहा था कि राज्य सरकार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक के आदेश का फैसला नहीं ले पा रही है और रथयात्रा की तैयारियों का काम बड़ी तेजी से चल रहा है. रथयात्रा में लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी. ऐसे में कोरोना महामारी फैल सकती है.

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