पूरी दुनिया को कोरोना बांटने वाले चीन पर लगा वैक्सीन रिसर्च चुराने का आरोप
वॉशिंगटन. अमेरिका ने अब चीन पर कोरोना (CoronaVirus) वैक्सीन रिसर्च चुराने का आरोप लगाया है. अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि दो चीनी हैकरों ने रिसर्च चुराने का प्रयास किया. साथ ही आरोपी हैकरों ने चीनी मंत्रालय के साथ काम करते हुए अमेरिका और हांगकांग में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाया.
इससे पहले, अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा ने संयुक्त रूप से रूस पर कोरोना वायरस अनुसंधान को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. तीनों देशों ने कहा था कि APT29 नामक रूसी हैकिंग ग्रुप ऑनलाइन हमलों को अंजाम देकर रिसर्च डॉक्यूमेंट चुराने का प्रयास कर रहा है. अब अमेरिका ने दो चीनी नागरिकों को इस संबंध में दोषी करार दिया है.
न्याय विभाग के मुताबिक, जिन दो चीनी नागरिकों पर वैक्सीन रिसर्च चुराने का आरोप है उनमें 34 वर्षीय ली जियाओयू (Li Xiaoyu), और 33 वर्षीय डोंग जियाज़ी (Dong Jiazhi) शामिल हैं. एफबीआई के उप निदेशक डेविड बोडिच (David Bowdich) ने कहा, ‘चीनी सरकार की खुफिया सेवाओं द्वारा निर्देशित साइबर अपराधों से न केवल अमेरिका को खतरा है, बल्कि हर देश जो निष्पक्ष प्रयासों का समर्थन करता है, अंतरराष्ट्रीय मानदंड, और कानून का पालन करता है खतरे में है’. वहीं, यूएस अटॉर्नी William Hyslop ने कहा कि अमेरिका सहित पूरी दुनिया में कई व्यवसायों, व्यक्तियों और एजेंसियों के कंप्यूटर सिस्टम हैक कर लिए गए हैं.
अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा ने दावा किया था कि रूसी सरकार द्वारा समर्थित हैकर कोरोना वैक्सीन के शोध में जुटे मेडिकल संगठनों और यूनिवर्सिटीज पर साइबर हमले कर रिसर्च चुराने की कोशिश कर रहे हैं. APT29 (Cozy Bear) नाम के हैकिंग ग्रुप ने उनके शोध से जुड़ी जानकारी चुराने का अभियान छेड़ रखा है. हालांकि, रूस ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा का आरोप है कि यह ग्रुप रूस की खुफिया एजेंसियों और सरकार के इशारे पर काम करता है. साइबर सिक्योरिटी शोधकर्ताओं के मुताबिक, APT29 हैकिंग टूल का इस्तेमाल पिछले साल अमेरिका, जापान, चीन और अफ्रीका के क्लाइंट्स के खिलाफ भी किया गया था. गौरतलब है कि ब्रिटेन और अमेरिका ने मई में कहा था कि हैकर्स के नेटवर्क ने कोरोना से निपटने के प्रयासों में जुटे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को निशाना बनाया है, लेकिन रूस के शामिल होने की बात नहीं कही गई थी. अब अमेरिका, ब्रिटेन के साथ ही कनाडा का भी कहना है कि रूस हैकरों के जरिये वैक्सीन प्रोग्राम की अहम जानकारी चुरा रहा है.