पौष्टिक सब्जी उगाकर अच्छी आमदनी ले रहे हैं किसान

बिलासपुर. गरीब किसानों को पहले अन्य फसल लेने में कठिनाई होती थी। वहीं अब वे अपने खेतों मंे पौष्टिकसब्जी उगाकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे है। बाड़ी विकास योजना से उनके जीवन में परिवर्तन आया है और वे अपने इस कार्य से संतुष्ट हैं। सुराजी गांव योजना नरवा, गरवा, घुरूवा अउ बाड़ी के तहत किसानों को सब्जी उत्पादन करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे उन्हें अच्छी आमदनी तो होगी ही साथ ही लोगों को भी पौष्टिकता से भरपूर हरी सब्जियां आसानी से उपलब्ध होंगी। बाड़ी विकास हेतु किसानों को सब्जी बीज मिनीकिट उपलब्ध कराया गया है। जिससे किसान अपने खेतों में धान, मक्का आदि फसल की जगह भिंडी, बरबट्टी, बैंगन आदि सब्जी की फसल ले रहेे हैं। श्रीमती भीमसेरिया गरीब किसान है और विकासखंड मरवाही के ग्राम गुल्लीडांड़ में उसके पास 2.4 हेक्टेयर भूमि है। उद्यानिकी विभाग के माध्यम से उसने बाड़ी विकास योजना के तहत सब्जी मिनीकिट प्राप्त किया और उनकी सलाह पर बाड़ी में इस बार मक्का की फसल न लेकर भिंडी की फसल लगाई। मक्का के खेती से उसे ज्यादा फायदा नहीं होता था। भीमसेरिया ने 0.150 हेक्टेयर में भिंडी सब्जी का उत्पादन किया। जिससे उसे प्रत्येक तोड़ाई में 8-10 किलो भिंडी मिल रहा है। वह सप्ताह में तीन तोड़ाई कर रही है। जिससे उसे अच्छी आय मिल रही है। इसी प्रकार गुल्लीडांड़ की श्री हीरालाल ने भी अपने खेत में मक्का उगाता था। जिससे बहुत कम फायदा मिलता था और वह संतुष्ट नहीं था। बाड़ी विकास योजना से सब्जी बीज मिनीकिट प्राप्त कर उसने भी 0.100 हेक्टेयर क्षेत्र में भिंडी सब्जी बोया। अब वह प्रति तोड़ाई 10-12 किलो भिंडी प्राप्त कर रहा है और हफ्ते में दो-तीन तोड़ाई करके ज्यादा आय प्राप्त कर रहा है। हीरालाल इससे बहुत संतुष्ट है। मरवाही के ही ग्राम नाका निवासी अमर सिंह के पास 0.37 हेक्टेयर भूमि है। यह खेत पहले खाली पड़ा रहता था। जिसके कारण उसे कुछ आय प्राप्त नही हो रही थी। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में उसने उस खेत को बाड़ी में परिवर्तित किया और .020 हेक्टेयर क्षेत्र में उसने बरबट्टी की फसल लगाई। जिससे अच्छी ऊपज प्राप्त होने लगी और उसके भूमि का सही उपयोग भी हो रहा है। अमर सिंह भी अपने इस कार्य से पूर्ण संतुष्ट है। विकासखंड कोटा के ग्राम दोनासागर निवासी किसान भोलाराम के पास 1 हेक्टेयर जमीन है। जिसमें वह पहले धान की खेती करता था। धान फसल के लिये अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती थी। जिसकी पूर्ति नहीं होने के कारण अच्छी उपज प्राप्त नहीं हो रही थी। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने उसे सुझाव दिया कि सब्जी में पानी की आवश्यकता धान से कम होती है, इसलिये वह सब्जी उगाये। उनकी सलाह पर भोलाराम ने अपने खेत में बाड़ी विकास योजना के तहत सब्जी बरबट्टी और बैंगन का उत्पादन किया। अब उसके खेत में भरपूर सब्जी की पैदावार हो रही है। भोलाराम ने बताया कि अब आगे भी वह धान के बदले अपने खेत में सब्जी बोयेगा।